प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
देशभर से करीब 180 किसान संगठन सोमवार को दिल्ली में जुटे हैं. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के बैनर तले किसान संगठनों ने रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक विरोध मार्च शुरू किया है. इन किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य और कर्ज माफी की मांग है.
अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावले ने कहा, ‘‘हमारी मुख्य मांग सही कीमत आंकलन के साथ वैध हक के तौर पर पूर्ण लाभकारी कीमतें और उत्पादन लागत पर कम से कम 50 फीसदी का लाभ अनुपात पाना है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम फौरन व्यापक कर्ज माफी सहित कर्ज से आजादी की मांग करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि किसानों की कर्ज की समस्या के हल के लिए सांविधिक संस्थागत तंत्र स्थापित किए जाने की भी मांग की जाएगी.
धावले ने कहा, ‘‘यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि यदि वह चुने जाते हैं तो किसानों को अपनी फसलों के लिए अच्छी कीमतें मिलेंगी और स्वामाीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाएगा.’’ एआईकेएससीसी के मुताबिक वर्तमान में लागत और आमदनी के बीच असंतुलन की वजह ईंधन, कीटनाशक, उर्वरक और यहां तक कि पानी सहित लागत की कीमतों में लगातार वृद्धि का होना है. इन चीजों का किसान सामना कर रहे हैं.
अखिल भारतीय किसान सभा के नेता ने कहा कि कीमतों में घोर अन्याय किसानों को कर्ज में धकेल रहा है, वे आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे हैं और देश भर में बार-बार प्रदर्शन हो रहे हैं. किसानों की दुर्दशा के हल के लिए हम बड़ी तादाद में दिल्ली में किसान मुक्ति संसद में एकत्र हो रहे हैं. एआईकेएससीसी अपने प्रदर्शन के दौरान किसान मुक्ति संसद का आयोजन करेगी. दो मांगों के साथ सोमवार को एक मसौदा विधेयक भी पेश किया जाएगा और उस पर किसान संसद चर्चा कर उसे पारित करेगी.
VIDEO : खेतीबाड़ी छोड़ने की सलाह
इस बीच, तमिलनाडु के किसानों ने कहा है कि वे लोग राष्ट्रीय राजधानी में तीसरे दौर का प्रदर्शन शुरू करने पर विचार कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसानों के मीडिया संयोजक प्रेम कुमार ने कहा, ‘‘देश के अन्य हिस्सों के किसानों से परामर्श करने के बाद हम एक बार फिर से दिल्ली में प्रदर्शन कर सकते हैं.’’
(इनपुट भाषा से)
अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावले ने कहा, ‘‘हमारी मुख्य मांग सही कीमत आंकलन के साथ वैध हक के तौर पर पूर्ण लाभकारी कीमतें और उत्पादन लागत पर कम से कम 50 फीसदी का लाभ अनुपात पाना है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम फौरन व्यापक कर्ज माफी सहित कर्ज से आजादी की मांग करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि किसानों की कर्ज की समस्या के हल के लिए सांविधिक संस्थागत तंत्र स्थापित किए जाने की भी मांग की जाएगी.
धावले ने कहा, ‘‘यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि यदि वह चुने जाते हैं तो किसानों को अपनी फसलों के लिए अच्छी कीमतें मिलेंगी और स्वामाीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाएगा.’’ एआईकेएससीसी के मुताबिक वर्तमान में लागत और आमदनी के बीच असंतुलन की वजह ईंधन, कीटनाशक, उर्वरक और यहां तक कि पानी सहित लागत की कीमतों में लगातार वृद्धि का होना है. इन चीजों का किसान सामना कर रहे हैं.
अखिल भारतीय किसान सभा के नेता ने कहा कि कीमतों में घोर अन्याय किसानों को कर्ज में धकेल रहा है, वे आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे हैं और देश भर में बार-बार प्रदर्शन हो रहे हैं. किसानों की दुर्दशा के हल के लिए हम बड़ी तादाद में दिल्ली में किसान मुक्ति संसद में एकत्र हो रहे हैं. एआईकेएससीसी अपने प्रदर्शन के दौरान किसान मुक्ति संसद का आयोजन करेगी. दो मांगों के साथ सोमवार को एक मसौदा विधेयक भी पेश किया जाएगा और उस पर किसान संसद चर्चा कर उसे पारित करेगी.
VIDEO : खेतीबाड़ी छोड़ने की सलाह
इस बीच, तमिलनाडु के किसानों ने कहा है कि वे लोग राष्ट्रीय राजधानी में तीसरे दौर का प्रदर्शन शुरू करने पर विचार कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसानों के मीडिया संयोजक प्रेम कुमार ने कहा, ‘‘देश के अन्य हिस्सों के किसानों से परामर्श करने के बाद हम एक बार फिर से दिल्ली में प्रदर्शन कर सकते हैं.’’
(इनपुट भाषा से)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं