स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तंबाकू सेवन के कारण होने वाली विभिन्न बीमारियों के कारण साल 2011 में भारत पर 1,04,500 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ा है।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याणा मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ‘‘स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से 'भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों के कारण पड़ने वाले आर्थिक बोझ' विषय पर कराए गए अध्ययन में कहा गया है कि 2011 में तंबाकू के उपयोग के कारण भारत में 35 से 69 आयु वर्ग के लोगों में होने वाली सभी बीमारियों के कारण पड़ने वाला आर्थिक बोझ 1,04,500 करोड़ रुपये था।’’
मंत्रालय ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव ने इस संबंध में एक अंतर मंत्रालयी समिति गठित करने के लिए कैबिनेट सचिव को लिखा है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के तंबाकू नियंत्रण पर ढांचागत संधि (एफसीटीसी) और तंबाकू नियंत्रण से जुड़े विषयों के संबंध में अंतर मंत्रालयी समन्वय सुनिश्चित करेगा।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नशाखोरी, ड्रग्स और ड्रग माफिया के कारण भारत के युवा धन पर मंडरा रहे संकट का जिक्र करते हुए कहा था कि हम सब मिलकर हर परिवार में एक माहौल बनायेंगे कि हताशा के कारण कोई बच्चा इस रास्ते पर न न चला जाए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्कूली कार्यक्रमों के जरिये स्कूल के बच्चों में इस बारे में जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण जिला स्तरीय गतिविधि है।
दिल्ली स्थित आरटीआई कार्यकर्मा गोपाल प्रसाद ने सरकार से पूछा था कि शराब, सिगरेट, गुटखा, तंबाकू आदि से प्राप्त सरकारी राजस्व की तुलना में इसके दुष्प्रभाव एवं स्वास्थ्य की बदहाली के कारण सरकारी एवं जनता के खर्च का ब्यौरा मांगा था।
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