नई दिल्ली:
भाजपा ने दावा किया कि देश और दुनिया दोनों मान चुके हैं कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नौ साल के शासन में देश की छवि, अर्थव्यवस्था, विकास और साख सबको 'बट्टा' लगा है इसलिए उन्हें अब अपने पद से हट जाना चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने अमेरिका की टाइम पत्रिका में सिंह के बारे में छपे आलोचनात्मक लेख के संदर्भ में कहा, जो देश बोल रहा था, आज वही दुनिया भी बोल रही है कि प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के चलते देश को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नेताओं की प्रंशसाएं करके और बदले में उनसे अपने लिए ‘प्रमाण पत्र’ पाने की अच्छी मार्केटिंग से ‘मनमोहन सिंह अपना असली मोल नहीं छिपा सकते हैं।’ सोनिया गांधी को भी आड़े हाथ लेते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि देश को कथित कमजोर प्रधानमंत्री देने के लिए संप्रग अध्यक्ष अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही ने बच नहीं सकती हैं, क्योंकि ये कांग्रेस प्रमुख ही हैं जिन्होंने मनमोहन सिंह को राजनीतिक मजबूती और शक्ति दी है।
यह पूछे जाने पर कि सिंह को क्या प्रधानमंत्री पद से हट जाना चाहिए, उन्होंने कहा, हम तो बहुत पहले से यह मांग करते आ रहे हैं। सिंह को अब खुद आत्मावलोकन करना चाहिए। टाइम पत्रिका के एशिया अंक के कवर पेज पर प्रकाशित 79 वर्षीय मनमोहन की तस्वीर के ऊपर शीर्षक छपा है उम्मीद से कम सफल, भारत को चाहिए नई शुरुआत। अगले सप्ताह बाजार में आने वाले इस अंक में कहा गया है कि सुधारों पर सख्ती से आगे बढ़ने के अनिच्छुक लगते हैं मनमोहन सिंह।
प्रसाद ने कहा, दिलचस्प बात यह है कि यह वही टाइम पत्रिका है जिसने तीन साल पहले दुनिया के 100 सबसे ताकतवर लोगों में मनमोहन सिंह को 19 वें स्थान पर रखा था। उन्होंने दावा किया कि सिंह की ‘अच्छी मार्केटिंग’ के चलते पूर्व में इस पत्रिका ने उनकी प्रशंसा की थी।
मनमोहन सिंह के नौ साल के शासन को देश के लिए नुकसानदेह बताते हुए उन्होंने कहा, इस दौरान देश ने विकास, रोजगार और राजस्व तो गंवाया ही, साथ ही दुनिया में भारत की छवि को भी गहरा बट्टा लगा है।’ भ्रष्टाचार के लिए भी मनमोहन शासन को जिम्मेदार बताते हुए उन्होंने कहा, यह आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार है। यह बहुत ही स्तब्धकारी बात है कि आज भारत को दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में गिना जाता है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सिंह के नौ साल के शासन में भारत असहाय, असुरक्षित और अशक्त बना है।
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि केंद्र की सरकार काम नहीं कर पा रही है। जनता दरबार से इतर संवाददाताओं से नीतीश कुमार ने ‘टाइम’ पत्रिका के आलेख में मनमोहन सिंह को उम्मीद से कम उपलब्धि हासिल नहीं करने वाले प्रधानमंत्री की संज्ञा देने के बारे में कहा, यह उस पत्रिका के लिए महत्व का विषय है, लेकिन एक बात साफ है कि केंद्र की सरकार काम नहीं कर पा रही है। उनका समावेशी विकास का दावा खोखला है। वे लंबे समय तक निर्णय नहीं ले पाते हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की।
उन्होंने कहा कि बिहार के सर्वदलीय शिष्टमंडल ने बरौनी ताप विद्युत संयंत्र के 500 मेगावाट के विस्तारीकरण के लिए कोल लिंकेज मांगा था, लेकिन उस पर फैसला नहीं हो पाया है। बिहार जैसे राज्य की उपेक्षा होती है। यह प्रदर्शन करने की निशानी नहीं है।
नीतीश कुमार ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार प्रदर्शन नहीं कर पा रही है, जिसे वह लंबे अरसे से महसूस कर रहे हैं।
पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने अमेरिका की टाइम पत्रिका में सिंह के बारे में छपे आलोचनात्मक लेख के संदर्भ में कहा, जो देश बोल रहा था, आज वही दुनिया भी बोल रही है कि प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के चलते देश को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नेताओं की प्रंशसाएं करके और बदले में उनसे अपने लिए ‘प्रमाण पत्र’ पाने की अच्छी मार्केटिंग से ‘मनमोहन सिंह अपना असली मोल नहीं छिपा सकते हैं।’ सोनिया गांधी को भी आड़े हाथ लेते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि देश को कथित कमजोर प्रधानमंत्री देने के लिए संप्रग अध्यक्ष अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही ने बच नहीं सकती हैं, क्योंकि ये कांग्रेस प्रमुख ही हैं जिन्होंने मनमोहन सिंह को राजनीतिक मजबूती और शक्ति दी है।
यह पूछे जाने पर कि सिंह को क्या प्रधानमंत्री पद से हट जाना चाहिए, उन्होंने कहा, हम तो बहुत पहले से यह मांग करते आ रहे हैं। सिंह को अब खुद आत्मावलोकन करना चाहिए। टाइम पत्रिका के एशिया अंक के कवर पेज पर प्रकाशित 79 वर्षीय मनमोहन की तस्वीर के ऊपर शीर्षक छपा है उम्मीद से कम सफल, भारत को चाहिए नई शुरुआत। अगले सप्ताह बाजार में आने वाले इस अंक में कहा गया है कि सुधारों पर सख्ती से आगे बढ़ने के अनिच्छुक लगते हैं मनमोहन सिंह।
प्रसाद ने कहा, दिलचस्प बात यह है कि यह वही टाइम पत्रिका है जिसने तीन साल पहले दुनिया के 100 सबसे ताकतवर लोगों में मनमोहन सिंह को 19 वें स्थान पर रखा था। उन्होंने दावा किया कि सिंह की ‘अच्छी मार्केटिंग’ के चलते पूर्व में इस पत्रिका ने उनकी प्रशंसा की थी।
मनमोहन सिंह के नौ साल के शासन को देश के लिए नुकसानदेह बताते हुए उन्होंने कहा, इस दौरान देश ने विकास, रोजगार और राजस्व तो गंवाया ही, साथ ही दुनिया में भारत की छवि को भी गहरा बट्टा लगा है।’ भ्रष्टाचार के लिए भी मनमोहन शासन को जिम्मेदार बताते हुए उन्होंने कहा, यह आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार है। यह बहुत ही स्तब्धकारी बात है कि आज भारत को दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में गिना जाता है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सिंह के नौ साल के शासन में भारत असहाय, असुरक्षित और अशक्त बना है।
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि केंद्र की सरकार काम नहीं कर पा रही है। जनता दरबार से इतर संवाददाताओं से नीतीश कुमार ने ‘टाइम’ पत्रिका के आलेख में मनमोहन सिंह को उम्मीद से कम उपलब्धि हासिल नहीं करने वाले प्रधानमंत्री की संज्ञा देने के बारे में कहा, यह उस पत्रिका के लिए महत्व का विषय है, लेकिन एक बात साफ है कि केंद्र की सरकार काम नहीं कर पा रही है। उनका समावेशी विकास का दावा खोखला है। वे लंबे समय तक निर्णय नहीं ले पाते हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की।
उन्होंने कहा कि बिहार के सर्वदलीय शिष्टमंडल ने बरौनी ताप विद्युत संयंत्र के 500 मेगावाट के विस्तारीकरण के लिए कोल लिंकेज मांगा था, लेकिन उस पर फैसला नहीं हो पाया है। बिहार जैसे राज्य की उपेक्षा होती है। यह प्रदर्शन करने की निशानी नहीं है।
नीतीश कुमार ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार प्रदर्शन नहीं कर पा रही है, जिसे वह लंबे अरसे से महसूस कर रहे हैं।
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