पीएम-केयर्स फंड (PM CARES Fund) से 322.5 करोड़ रुपये की लागत से 1.5 लाख 'ऑक्सीकेयर' सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. 'ऑक्सीकेयर' कोरोना मरीजों के ऑक्सीजन सैचुरेशन को देखते हुए शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को पूरा करता है. यह मरीजों के ऑक्सीजन स्तरों के आंके गए माप के आधार पर उन्हें दी जा रही ऑक्सीजन को नियंत्रित रखने के लिए DRDO द्वारा विकसित की गई एक व्यापक प्रणाली है. इस सिस्टम को दो विन्यास में विकसित किया गया है. इसके मूल वर्जन में 10 लीटर वाला ऑक्सीजन सिलेंडर, एक प्रेशर रेगुलेटर-सह-फ्लो कंट्रोलर, एक ह्यूमिडिफायर और नाक के लिए एक लघुनलिका होती है.
इस स्वीकृति के अंतर्गत 1 लाख पारंपरिक और 50 हजार स्वचालित ऑक्सीकेयर प्रणाली तथा नॉनब्रीदर मास्क खरीदे जा रहे हैं. इस प्रणाली को DRDO के डिफेंस बायोइंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रो मेडिकल लैबोरेट्री बैंगलोर द्वारा विकसित किया गया है. इस प्रणाली के दो वेरिएंट को विकसित किया गया है.
Through PM-CARES, 1.5 lakh units of Oxycare Systems will be procured. This is a system developed by DRDO and has several benefits. https://t.co/xYUcqUxtGX
— Narendra Modi (@narendramodi) May 12, 2021
'ऑक्सीकेयर' ऑक्सीजन के प्रवाह को मैनुअल रूप से SpO2 की रीडिंग के आधार पर नियंत्रित या समायोजित किया जाता है. इसके इंटेलिजेंट विन्यास में मूल वर्जन के अलावा एक लो प्रेशर रेगुलेटर के जरिए ऑक्सीजन के स्वत: नियंत्रण या समायोजन के लिए एक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल प्रणाली और एक SpO2 प्रोब शामिल हैं.
SpO2 आधारित ऑक्सीजन नियंत्रण प्रणाली दरअसल मरीज के SpO2 स्तर के आधार पर ऑक्सीजन की खपत का अनुकूलन करती है और प्रभावकारी रूप से पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर के उपयोग की निरंतरता को बढ़ा देती है. सिस्टम से प्रवाह शुरू करने के लिए SpO2 की आरंभिक सीमा वाले माप या मान को स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा समायोजित किया जा सकता है और सिस्टम द्वारा SpO2 के स्तर की निरंतर निगरानी करने के साथ-साथ इसे दर्शाया भी जाता है.
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इन ऑक्सीकेयर सिस्टम का उपयोग घरों, क्वारंटाइन केंद्रों, कोविड केयर केंद्रों और अस्पतालों में किया जा सकता है. इसके अलावा, ऑक्सीजन का ज्यादा प्रभावकारी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए नॉन-रिब्रीथर मास्क (एनआरएम) को ऑक्सीकेयर सिस्टम के साथ एकीकृत किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप 30-40 फीसदी ऑक्सीजन की बचत संभव हो जाती है.
DRDO ने भारत में कई कंपनियों को यह तकनीक हस्तांतरित की है, जो पूरे भारत में सभी के उपयोग के लिए ऑक्सीकेयर सिस्टम तैयार करेंगी.
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