केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने एजेंसी के अधिकारी बन मुंबई में महिला कारोबारी से रकम ठगी है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि गिरोह के सदस्य इतने शातिर थे कि उन्होंने एक फर्जी ईमेल आईडी भी इस काम के लिए बनाई, जिसमें एजेंसी का डोमेन नेम भी था. उन्होंने कहा कि गिरोह के सरगना वीरेश पाठक को पकड़ने के लिए खोज जारी थी. पाठक खुद को दिल्ली CBI की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा का एसएसपी बताता था. अधिकारियों के अनुसार अभिषेक सिंह उर्फ़ अभिषेक झा और शिवांशु शर्मा पैसे ऐंठने मुंबई जा रहे थे जब उन्हें गुरुवार को गिरफ्तार किया गया. गिरोह में शामिल मोहम्मद इरशाद अंसारी CBI की फर्जी ईमेल आईडी बनाता था. उसे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया.
CBI ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- पी. चिदंबरम के खिलाफ 2 गवाहों ने बयान दर्ज कराया है, जमानत रद्द की जाए
बता दें, यह मामला तब सामने आया जब एक महिला ने CBI से शिकायत की कि एजेंसी के कुछ लोग उसे धमका कर पैसे मांग रहे हैं. महिला ने आरोप लगाया कि CBI के कुछ अधिकारी व्हाट्सऐप संदेश भेजकर उससे 10 लाख रुपए की मांग कर रहे थे. जांच के दौरान CBI ने पाया कि जिस फोन नंबर से संदेश और कॉल आ रहे थे वह फर्जी नाम और पते पर दर्ज थे. अधिकारियों ने कहा कि महिला ने बताया कि पाठक ने उसे CBI से मिलता जुलता ईमेल आईडी दिया था और उस पर अपने दस्तावेज भेजने को कहा था.
उत्तराखंड के पूर्व CM हरीश रावत के खिलाफ कथित MLA खरीद फरोख्त का मामला दर्ज
उन्होंने बताया कि दोनों व्यक्तियों ने शुरू में महिला से 10 लाख रुपए मांगे और बाद में पांच लाख रुपए पर सहमत हुए. सिंह और शर्मा दोनों उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के निवासी हैं. यह दोनों खुद को पाठक के मातहत काम करने वाला अधिकारी बताते थे. अधिकारियों ने बताया कि इन्हें गुरुवार को मुंबई से गिरफ्तार किया गया, जब वे महिला से पैसे ऐंठने जा रहे थे. CBI ने उन्हें आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया.
VIDEO : ईडी ने पी चिदंबरम को किया गिरफ्तार
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं