कोरोना के साथ इस साल गर्मी भी प्रचंड रूप दिखा रही है और 121 साल में इस बार तीसरा सबसे गर्म मार्च रहा है. मौसम विभाग ने सोमवार को बताया कि मासिक आधार पर औसत अधिकतम तापमान के हिसाब से पता चला है कि मार्च 2021 की गर्मी पिछले 121 सालों की बात करें तो उसका नंबर तीसरे पायदान पर आता है. यानी 121 सालों में दो वर्षों में ही मार्च में इससे ज्यादा गर्मी पड़ी है. मार्च के महीने में ही इतनी भीषण गर्मी पड़ने के बाद अनुमान जताया जा रहा है कि अप्रैल से जून तक भी ऐसे ही पारा ऊपर चढ़ेगा.
मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि 1981-2010 की पर्यावरण अवधि में सामान्य 31.24 डिग्री सेल्सियस, 18.87 डिग्री और 25.06 डिग्री की तुलना में पूरे देश के लिए मासिक अधिकतम, न्यूनतम और मध्यवर्ती तापमान क्रमश: 32.65 डिग्री सेल्सियस, 19.95 डिग्री सेल्सियस और 26.30 डिग्री सेल्सियस रहा. मौसम विभाग ने कहा कि 32.65 डिग्री के साथ मार्च 2021 के दौरान अखिल भारतीय औसत मासिक अधिकतम तापमान पिछले 11 साल में सबसे गर्म रहा और पिछले 121 वर्षों में तीसरा सबसे गर्म मार्च रहा.
इससे पहले 2010 और 2004 में यह तापमान क्रमश: 33.09 डिग्री और 32.82 डिग्री सेल्सियस रहा था. मौसम विभाग ने पहले कहा था कि जनवरी और फरवरी भी मध्यवर्ती और न्यूनतम तापमान के हिसाब से 121 साल में तीसरे और दूसरे गर्म महीने रहे थे.मार्च में देश के कई हिस्से में 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने कहा है कि 29-31 मार्च के दौरान कई जगहों पर लू चल रही थी जबकि पश्चिम राजस्थान के छिटपुट स्थानों पर भीषण लू की स्थिति थी.
मौसम विभाग के मुताबिक 30-31 मार्च के दौरान पूर्वी राजस्थान तथा 31 मार्च को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्रों, तटीय आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु के कुछ स्थानों से भी लू चलने की सूचना मिली थी. 30 मार्च को बारीपाडा (ओडिशा) में अधिकतम तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
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