"ये कानून तुम्हारे जैसों के लिए ही है" : यूपी में हिंदू महिला से किए गए सवाल, मुस्लिम पति गिरफ्तार

हालांकि, महिला ने पत्रकारों को बताया कि उसकी और पुरुष की सहमति से शादी हुई थी.  महिला ने कहा, "मैं एक वयस्क हूं, मेरी उम्र 22 साल है. मैंने 24 जुलाई को अपनी मर्जी से शादी कर ली. यह पांचवां महीना है हमारी शादी हुए."

मुरादाबाद:

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक मुस्लिम व्यक्ति और उसके भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, क्योंकि एक 22 वर्षीय हिंदू महिला ने जिले के कांठ इलाके में अपनी शादी को पंजीकृत करवाने की कोशिश की. दक्षिणपंथी समूह बजरंग दल के लोगों ने इन्हें पहले तो पंजीकरण कार्यालय में पकड़ा और उन्हें औपचारिकताओं को पूरा करने से रोका और उसके बाद फिर तीनों को स्थानीय पुलिस स्टेशन ले गए. सोशल मीडिया पर वायरल हुए 1 मिनट और 11 सेकंड के वीडियो में  पुरुष मुरादाबाद के कांठ थाने के परिसर के अंदर महिला को घेरे हुए हैं.

"हमें धर्म परिवर्तन करने के लिए डीएम की परमिशन दिखाओ" इनमें से एक आदमी लड़की से ये कह रहा है,  जबकि वहां दो पुलिसवाले खड़े थे जिनमें से एक ने लाठी ले रखी थी. फिर एक और आदमी ने कहा, "आपने नया कानून पढ़ा है या नहीं? ', एकऔर ने आगे जोड़ा.."ये तुम जैसे लोगों के लिए ही बनाना पड़ा है"

हालांकि, महिला ने पत्रकारों को बताया कि उसकी और पुरुष की सहमति से शादी हुई थी.  महिला ने कहा, "मैं एक वयस्क हूं, मेरी उम्र 22 साल है. मैंने 24 जुलाई को अपनी मर्जी से शादी कर ली. यह पांचवां महीना है हमारी शादी हुए."

यह भी पढ़ें- 'लव जिहाद' को लेकर फतवा, 'लड़की को धोखा देने को जिहाद कहना इस्लाम का अपमान'

उधर पुलिस ने कहा कि मामले में शिकायत हिंदू महिला की मां ने दर्ज की थी जिसने दावा किया था कि मुस्लिम व्यक्ति ने उसकी बेटी के साथ धोखे से शादी और धर्मांतरण करवाया था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विद्या सागर ने एक बयान में कहा,  "हमने दोनों पुरुषों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की पूरी जांच करेंगे."

यह स्पष्ट नहीं है कि पुरुष या महिला ने धर्म परिवर्तन किया था या नहीं या फिर ये ऐसी कोई योजना बना रहे थे.  गिरफ्तार किए गए लोगों को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 की धारा 3 के तहत दर्ज किया गया है, जो कि जबरन धर्म परिवर्तन से संबंधित है. कोर्ट में दोनों के खिलाफ आरोप साबित हो जाते हैं तो इन्हें 1 से 5 साल की सजा का सामना करना पड़ सकता है.  यह मामला यूपी में दायर किया जाने वाला पांचवा मामला है क्योंकि राज्य में एक हफ्ते पहले कानून बनने के बाद राज्य में "लव जिहाद" को लेकर संवेदनशीलता बढ़ गई थी जो कि दक्षिणपंथी षडयंत्र सिद्धांत है कि मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को बहकाने की कोशिश करते हैं ताकि वे अपना धर्म परिवर्तन कर सकें.

यह भी पढ़ें- यूपी लव जिहाद अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, याचिकाकर्ता का दावा-यह मौलिक अधिकारों के खिलाफ

"लव जिहाद शब्द को कानून द्वारा परिभाषित नहीं किया गया है"  इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फरवरी में संसद को बताया था कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा ऐसा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था.  हालांकि, पिछले महीने से, कई भाजपा शासित राज्य इसके खिलाफ कानून बनाने की ओर बढ़ गए हैं.

UP: दारूल इफ्ता ने 'लव जिहाद' पर जारी किया फतवा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com