नई दिल्ली:
पाकिस्तान के फैसलाबाद में रफीक कॉलोनी की गली नंबर तीन के आखिर में मौजूद एक घर में मोहम्मद याकूब अपने दो बेटे के साथ रहते है। पड़ोसियों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हीं का तीसरा बेटा मोहम्मद नावेद है।
नावेद पाकिस्तानी आतंकी है, जो जम्मू कश्मीर के उधमपुर में बीएसएफ की बस पर बुधवार को हुए हमले के बाद पकड़ा गया था।
जांचकर्ताओं की पूछताछ में इस आतंकी ने बताया था कि उसका घर पुराने फैसलाबाद के गुलाम मोहम्मद इलाके में काफी अंदर की तरफ है। यहां उसका घर विरान पड़ा है और गलियों में सन्नाटा पसरा है। गलि में कैमरे की मौजूदगी को देख मोहल्ले में रहने वाला एक शख्स पूछता है, 'आप यहां क्यों आए हैं? आप इस कैमरे से क्या रिकॉर्ड कर रहे हैं?'
इस्लामाबाद ने नावेद के पाकिस्तान नागरिक होने के दावे को जरूर खारिज कर दिया है, लेकिन अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में नावेद के पिता मोहम्मद याकूब कह चुके हैं कि वह ही भारत में पकड़े गए आतंकी नावेद के 'अभागे पिता' हैं। अखबार से फोन पर हुई बातचीत में नावेद के पिता कहते हैं, 'मैं मारा जा सकता हूं, लश्कर और पाकिस्तानी सेना हमारे पीछे पड़ी है।'
जांचकर्ताओं से पूछताछ में नावेद ने कबूल किया है कि भारत में दाखिल होने से पहले उसने पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा के कैंप में प्रशिक्षण लिया था। उसने बताया कि उसके दो भाई और एक बहन है। जांचकर्ताओं को दिए बयान में उसने बताया कि उसका एक भाई लेक्चरर है, जबकि दूसरा होज़िरी बिज़नेस चलाता है। फैसलाबाद में उसके पड़ोसी भी इसकी तस्दीक करते हैं।
गौरतलब है कि नावेद बीएसएफ के काफिले पर हमले के बाद पकड़ा गया था, जबकि हमले में शामिल दूसरा आतंकी मारा गया था। वह छुपने के लिए एक गांव में घुस गया था और वहां तीन लोगों को बंदी बना लिया था, लेकिन इसके बाद गांव वालों ने उसे धर दबोचा और पुलिस के हवाले कर दिया।
नावेद पाकिस्तानी आतंकी है, जो जम्मू कश्मीर के उधमपुर में बीएसएफ की बस पर बुधवार को हुए हमले के बाद पकड़ा गया था।
जांचकर्ताओं की पूछताछ में इस आतंकी ने बताया था कि उसका घर पुराने फैसलाबाद के गुलाम मोहम्मद इलाके में काफी अंदर की तरफ है। यहां उसका घर विरान पड़ा है और गलियों में सन्नाटा पसरा है। गलि में कैमरे की मौजूदगी को देख मोहल्ले में रहने वाला एक शख्स पूछता है, 'आप यहां क्यों आए हैं? आप इस कैमरे से क्या रिकॉर्ड कर रहे हैं?'
इस्लामाबाद ने नावेद के पाकिस्तान नागरिक होने के दावे को जरूर खारिज कर दिया है, लेकिन अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में नावेद के पिता मोहम्मद याकूब कह चुके हैं कि वह ही भारत में पकड़े गए आतंकी नावेद के 'अभागे पिता' हैं। अखबार से फोन पर हुई बातचीत में नावेद के पिता कहते हैं, 'मैं मारा जा सकता हूं, लश्कर और पाकिस्तानी सेना हमारे पीछे पड़ी है।'
जांचकर्ताओं से पूछताछ में नावेद ने कबूल किया है कि भारत में दाखिल होने से पहले उसने पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा के कैंप में प्रशिक्षण लिया था। उसने बताया कि उसके दो भाई और एक बहन है। जांचकर्ताओं को दिए बयान में उसने बताया कि उसका एक भाई लेक्चरर है, जबकि दूसरा होज़िरी बिज़नेस चलाता है। फैसलाबाद में उसके पड़ोसी भी इसकी तस्दीक करते हैं।
गौरतलब है कि नावेद बीएसएफ के काफिले पर हमले के बाद पकड़ा गया था, जबकि हमले में शामिल दूसरा आतंकी मारा गया था। वह छुपने के लिए एक गांव में घुस गया था और वहां तीन लोगों को बंदी बना लिया था, लेकिन इसके बाद गांव वालों ने उसे धर दबोचा और पुलिस के हवाले कर दिया।
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