आज भी रोम-रोम में देशभक्ति का जज्बा जगाते हैं ये गीत...

आज भी रोम-रोम में देशभक्ति का जज्बा जगाते हैं ये गीत...

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली:

आजादी के लिए लंबे संघर्ष ने हजारों-लाखों देशभक्तों को पैदा किया। आजाद हवा में सांस लेने के लिए हजारों-लाखों लोगों ने हंसते-हंसते अपने प्राणों की आहूति दे दी। इन्हीं वीरों को सलामी देने और नौजवानों में आजादी का अलख जगाने के लिए तमाम लेखकों की कलमें चलीं।

लंबे संघर्ष के बाद जब देश आजाद हुआ तो एक से बढ़कर एक देभभक्ति की फिल्में बनीं। जिनमें आजादी के वीरों की कहानियां थीं, आजादी का संघर्ष था और सुनहरे भविष्य के लिए सपने भी थे। ऐसे वक्त में जो देशभक्ति के गाने बने वो लोगों के दिलों मे लहर पैदा कर गए।

देशभक्ति के गानों में सबसे पहला गीत अगर किसी के भी जेहन में आता है तो वह गाना है...
1. 'ऐ मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का, लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर, वीरों ने हैं प्राण गंवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो - 2
जो लौट के घर ना आए -2
ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी,
जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी -2'

कवि प्रदीप के लिखे इस गीत को सी. रामचंद्र ने कंपोज किया और स्वर कोकिला लता मंगेश्कर ने अपनी आवाज दी। इस गाने को 27 जनवरी 1963 को भारत-चीन युद्ध खत्म होने के लगभग दो महीने बाद ही नेशनल स्टेडियम में लाइव परफॉर्म किया गया। कहा जाता है कि इस गाने को सुनकर प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की आंखों में आंसू आ गए थे।

2. फिल्म हकीकत का गाना 'कर चले हम फिदा जान-ओ-तन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों' युद्ध की पृष्ठभूमि में है। इसमें एक सैनिक गोली लगने के बाद हंसते-हंसते अपनी जान देता है और अपने साथियों को देश की रक्षा करने के लिए कहता है।

3. शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जीवन पर बनी फिल्म शहीद में आजादी के मस्तानों के 'मेरा रंग बसंती चोला, मा...ए... रंग दे बसंती चोला' गाने को भगत सिंह पर बनी हर फिल्म में लिया गया है। स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल ने इस गीत को लिखा है और कहा जाता है कि भगत सिंह ने मौत को गले लगाने से पहले भी इस गीत को गाया था।

4. शहीद फिल्म के गीत 'ऐ वतन, ऐ वतन, हमको तेरी कसम, तेरी राहों में जान तक लुटा जाएंगे' देशभक्ति का प्रमुख गाना है। मुकेश की आवाज में यह गाना आज भी जहां कहीं सुनाई देता है... देश से प्यार करने वालों के रोंगटे खड़े कर देता है।

5. फिल्म काबुलीवाला का गीत 'ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन, तुझपे दिल कुर्बान' आज भी देशभक्ति की अलख जगाता है। खासतौर पर जो लोग देश और अपने घर से दूर हैं वे इसी गाने के जरिए अपने घर को याद करते हैं।

6. अपने देश की तारीफ, देश का सम्मान करना भी देशभक्ति ही है। फिल्म शहीद-ए-आजम का गीत 'जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा, वो भारत देश है मेरा' में जब मनोज कुमार अपने देश की तारीफ करते नजर आते हैं तो हर हिन्दुस्तानी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।

7. फिल्म पूरब-पश्चिम में मनोज कुमार के होंठों से निकलता गीत 'है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं' को सुनकर दिल के एक सिरे से लहर उठती है और पूरे तन-बदन में बिजली सी कौंध जाती है। इस गीत में भी भारत की तारीफ में जबरदस्त बोल लिखे गए हैं।

8. फिल्म उपकार में जब मनोज कुमार 'मेरे देश की धरती, सोना उगले, उगले हीरे-मोती' गाते दिखते हैं तो दिल में यकीन होने लगता है कि सच में देश की धरती से सोना-चांदी और हीरे-मोती निकलते हैं। देश की मिट्टी और किसानों की मेहनत को सलाम करता यह गीत आज भी बच्चे-बच्चे की जुबान पर चढ़ा रहता है।

9. देश आजाद हुआ तो उसके बाद भी आजादी को बरकरार रखने की जरूरत होती है। दुश्मन की बुरी नजरें देश पर अक्सर लगी रहती हैं। ऐसे में फिल्म लीडर का गीत 'अपनी आजादी हम हरगिज मिटा सकते नहीं, सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं' देश के प्रति समर्पण को दर्शाता है। यह गीत बताता है कि आज भी ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है जो देश के लिए सर कटाने को भी तैयार हैं।

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10. देश की आजादी को बरकरार रखने के लिए अपना हर करम पूरा करने का संदेश देता है फिल्म कर्मा का गीत 'हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए, दिल दिया है, जान भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए'। ये हम सबका धर्म है कि हम अपने देश की आजादी को बरकरार रखने के लिए हर कोशिश करें।