सुरक्षा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील तमिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केकेएनपीपी) में हाल ही में साइबर अटैक हुआ था. यह बात खुद सरकार ने स्वीकार की है. कुडनकुलम पावर प्लांट पर साइबर अटैक के तुरंत बाद कंप्यूटर तथा सूचना सुरक्षा सलाहकार समूह (CISAG) और राष्ट्रीय एजेंसी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT) ने इस हमले का ऑडिट किया. इसमें पता चला कि यह साइबर अटैक कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केकेएनपी) के प्रशासनिक नेटवर्क में किया गया था और यहीं तक सिमित था. दरअसल, एआईएडीएमके (AIADMK) के राज्यसभा सदस्य एके सेल्वाराज ने सरकार से कुडनकुलम पावर प्लांट में हुए साइबर हमले की जानकारी और इसका ब्योरा मांगा था. इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 28 नवंबर को राज्यसभा में कुडनकुलम पावर प्लांट में साइबर हमले की बात स्वीकारी.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने जवाब में कहा कि, ''हाल ही में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केकेएनपीपी) के प्रशासनिक नेटवर्क में मालवेयर इंफेक्शन की पहचान की गई थी, जिसका इस्तेमाल रोजाना के प्रशासनिक कामकाज के लिए होता है. प्लांट का कंट्रोल और इंस्ट्रूमेंटेशन सिस्टम किसी बाहरी नेटवर्क, जैसे- इंटरनेट, इंट्रानेट या प्रशासनिक प्रणाली से नहीं जुड़ा है, ऐसे में वह प्रभावित नहीं हुआ''. उन्होंने आगे बताया, इस साइबर हमले के ऑडिट में पता लगा कि मालवेयर इन्फेक्शन केकेएनपीपी के प्रशासनिक नेटवर्क तक ही सीमित था.
साइबर अटैक के बाद सरकार अलर्ट
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के मुताबिक इस साइबर हमले के तुरंत बाद कंप्यूटर तथा सूचना सुरक्षा सलाहकार समूह (CISAG) ने कई उपाय सुझाए, जिसपर अमल किया जा रहा है. इसके अलावा प्रशासनिक नेटवर्कों में कोई सेंध न लगा सके, इसके लिए सूचना सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाया जा रहा है. इसमें इंटरनेट और प्रशासनिक इंट्रानेट कनेक्टिविटी की हार्डनिंग, रिमूवेबल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध, संदिग्ध गतिविध वाली वेबसाइट और आईपी एड्रेस को ब्लॉक करना शामिल है.
जल्द तैयार होगा तमिलनाडु का कुडनकुलम प्लांट
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