मिजोरम के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री के लालरिनलियाना ने कहा है कि असम की बराक घाटी के लोगों द्वारा ‘‘आर्थिक नाकेबंदी'' से मिजोरम में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पहले के समान बुरी तरह से प्रभावित नहीं होगी क्योंकि राज्य सरकार ने दो अन्य पड़ोसी राज्यों से तेल, रसोई गैस (एलपीजी) तथा चावल जैसी अन्य वस्तुएं मंगवाना शुरू कर दिया है. असम के अलावा मिजोरम की सीमा मणिपुर (95 किमी) तथा त्रिपुरा (66 किमी) से भी लगती है.
लालरिनलियाना ने कहा कि राज्य सरकार ने त्रिपुरा से पेट्रोल और डीजल बुधवार से ही मंगवाना शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया, ‘‘त्रिपुरा से तेल के कुछ टैंकर शुक्रवार को आइजोल आ सकते हैं. अगरतला से एलपीजी लाने के लिए हम शुक्रवार को चार ट्रक और तेल के सात टैंकर अगरतला के लिए रवाना करेंगे.'' उन्होंने कहा कि मिजोरम सरकार ने त्रिपुरा के भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अधिकारियों के साथ समझौता किया है जिसके तहत वहां से चावल राज्य में भेजा जाएगा.
लालरिनलियाना ने बताया, ‘‘अभी हमारे पास कम से कम तीन महीने के लिए चावल का पर्याप्त भंडार है. अन्य आवश्यक वस्तुएं भी लाई जा रही हैं और त्रिपुरा से कुछ व्यापारी मिजोरम आ चुके हैं.'' उन्होंने बताया कि आवश्यक वस्तुएं खासकर एलपीजी और ईंधन की आपूर्ति के लिए राज्य सरकार की मणिपुर सरकार से बात चल रही है. मिजोरम में अभी कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लगा हुआ है.
मंत्री ने बताया कि पड़ोसी असम से आपूर्ति बंद होने के बावजूद राज्य में आवश्यक वस्तुओं की कमी की कोई खबर नहीं है. उन्होंने बताया कि मिजोरम में किसी तरह का बंद नहीं है इसलिए भारी ट्रक और अन्य वाहन असम की ओर निर्बाध रूप से जा रहे हैं हालांकि असम की ओर से राज्य में बीते दो दिन से किसी वाहन ने प्रवेश नहीं किया है.
इससे पहले, बुधवार को मिजोरम सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर असम में राष्ट्रीय राजमार्ग 306 पर आर्थिक नाकेबंदी हटाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी। यह राष्ट्रीय राजमार्ग मिजोरम को असम के सिलचर के जरिए बाकी के देश से जोड़ता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं