कुछ समय पहले उच्च शिक्षा सशक्तिकरण नियामक एजेंसी (हीरा) के गठन पर विचार किया जा रहा था
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) का विलय कर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नियामक के गठन की कोई योजना नहीं है.
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मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री महेन्द्र नाथ पांडे ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि यूजीसी और एआईसीटीई के विलय का सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है. हालांकि कुछ समय पहले मंत्रालय के अधिकारी कह चुके हैं कि सरकार यूजीसी और एआईसीटीई का विलय कर इसके स्थान पर उच्च शिक्षा सशक्तिकरण नियामक एजेंसी (हीरा) के गठन की संभावनाओं पर विचार कर रही है. इसका मकसद दोनों संस्थाओं के बीच क्षेत्राधिकार के टकराव को दूर करते हुए अप्रासंगिक नियामक प्रावधानों को खत्म करना बताया गया था.
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इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए एक नियामक संस्था के गठन का विचार नया नहीं है. इससे पहले भी तमाम समितियां भी एक ही संस्था के गठन की सिफाारिश कर चुकी है. यूजीसी समीक्षा समिति ने साल 2014 में आयोग की जगह राष्ट्रीय उच्च शिक्षा प्राधिकरण के गठन की सिफारिश की थी. उन्होंने कहा कि सरकार का फिलहाल दोनों संस्थाओं के विलय का कोई प्रस्ताव नहीं है.
VIDEO: यूजीसी नेट परीक्षा साल में एक ही बार कराए जाने का विरोध स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना से जुड़े एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि सरकार की स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के रूप में पैकेटबंद खाना परोसने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने सदन में स्पष्ट किया कि मौजूदा व्यवस्था के तहत बच्चों को दिए जा रहे तुरंत पकाये भोजन के स्थान पर पैकेट बंद भोजन देने की सरकार की कोई योजना नहीं है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री महेन्द्र नाथ पांडे ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि यूजीसी और एआईसीटीई के विलय का सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है. हालांकि कुछ समय पहले मंत्रालय के अधिकारी कह चुके हैं कि सरकार यूजीसी और एआईसीटीई का विलय कर इसके स्थान पर उच्च शिक्षा सशक्तिकरण नियामक एजेंसी (हीरा) के गठन की संभावनाओं पर विचार कर रही है. इसका मकसद दोनों संस्थाओं के बीच क्षेत्राधिकार के टकराव को दूर करते हुए अप्रासंगिक नियामक प्रावधानों को खत्म करना बताया गया था.
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इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए एक नियामक संस्था के गठन का विचार नया नहीं है. इससे पहले भी तमाम समितियां भी एक ही संस्था के गठन की सिफाारिश कर चुकी है. यूजीसी समीक्षा समिति ने साल 2014 में आयोग की जगह राष्ट्रीय उच्च शिक्षा प्राधिकरण के गठन की सिफारिश की थी. उन्होंने कहा कि सरकार का फिलहाल दोनों संस्थाओं के विलय का कोई प्रस्ताव नहीं है.
VIDEO: यूजीसी नेट परीक्षा साल में एक ही बार कराए जाने का विरोध स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना से जुड़े एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि सरकार की स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के रूप में पैकेटबंद खाना परोसने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने सदन में स्पष्ट किया कि मौजूदा व्यवस्था के तहत बच्चों को दिए जा रहे तुरंत पकाये भोजन के स्थान पर पैकेट बंद भोजन देने की सरकार की कोई योजना नहीं है.
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