केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से न्यूज एजेंसी ANI ने कई मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं आज स्पष्ट रूप से बता रहा हूं कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के बीच कोई संबंध नहीं है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूरे देश में NRC को लेकर अभी चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस पर अभी तक कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ है. पीएम मोदी (PM Modi) सही थे, इसे लेकर अब तक न तो मंत्रिमंडल में कोई चर्चा हुई है और न हीं संसद में.
अमित शाह (Amit Shah ने कहा कि राजनीति के तहत एनपीआर (NPR) का विरोध हो रहा है. उन्होंने कहा कि मैंने संसद में जो भी कहा था उसमें किसी भी नागरिक की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है. अब लोग नागरिकता कानून को समझना शुरू हो चुके हैं. गृह मंत्री ने कहा कि एनपीआर को लेकर भी ऐसे हालत न बनाए जाएं, इसके लिए मैं पहले ही इंटरव्यू दे रहा हूं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस 2010 में एनपीआर शुरू कर चुकी है. कार्ड भी बांटे थे. हम उसे ही आगे बढ़ा रहे हैं. मैं देशवासियों से साफ करना चाहता हूं कि एनपीआर का डेटा का एनआरसी के लिए उपयोग नहीं होगा. हमनें एनपीआर के लिए ऐप बनाया है. जो जानकारी आप देंगे उसका सरकार रजिस्टर बनाएगी औऱ उसी के अनुसार सरकार विकास का कार्य करेगी. लोग चाहें तो आधार का नंबर दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि हर दस साल में अंतरराज्य में जनता की उथल-पुथल काफी ज्यादा हो जाती है. इस उथल-पुथल को जाने बगैर राज्यों के विकास की योजना नहीं बनाई जा सकती है. इसके लिए इसकी जरूरत है.
अमित शाह ने कहा कि दोनों अलग एक्ट है और दोनों का उद्देश्य भी अलग है. मुस्लिम भाइयों को डरने की कोई जरूरत नहीं है. मैं साफ कर देना चाहता हूं कि इसका कोई उपयोग एनआरसी के लिए नहीं होगा. उन्होंने कहा कि एनपीआर औऱ एनसीआर में काफी का अंतर है. सवाल सीएए से खड़ा हुआ था, लेकिन अब लोग समझने लगे हैं कि इससे किसी की नागरिकता नहीं जाने वाली है. अब जब सीएए पर विवाद खत्म हो रहा है तो राजनीति के तहत नया विवाद एनपीआर को लेकर शुरू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एनपीआर के डेटा का उपयोग एनआरसी में नहीं होगा.
जब गृह मंत्री से यह पूछा गया कि क्या इस डेटा का राजनीति के लिए इस्तेमाल होगा? अमित शाह ने कहा कि दोनों कानून अलग है. एनपीआर का कोई सर्वे कभी एनआरसी में काम आ ही नहीं सकता. इसमें से कुछ नहीं हो सकता है. इसका उपयोग एनआरसी में नहीं हो सकता है. एनपीआर और एनआरसी के बीच कोई संबंध ही नहीं है. इसलिए दुविधा मत रखिए. हम एनपीआर को लेकर सभी मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे. मैं नहीं चाहता कि बंगाल के औऱ केरल के गरीब इससे वंचित रह जाए. मैं चाहूंगा कि सभी राज्य एनपीआर से जुड़ जाएं. उन्होंने कहा कि जनगणना अभी नहीं होने वाला है. होगा तो 2020 के अप्रैल से मकानों की मैपिंग शुरू होगी और जनगणना फरवरी 2021 से शुरू होगी.