केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
एक बार फिर चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चर्च की चिट्ठी आई है. दिल्ली में चर्च के आर्कबिशप ने चिट्ठी लिखकर इशारों में कहा है कि देश में लोकतंत्र खतरे में है और 2019 के लिए ईसाइयों को नई सरकार के लिए वोट करना चाहिए. सवाल उठने के बाद चर्च सफाई दे रहा है कि उन्होंने किसी एक सरकार के खिलाफ चिट्ठी नहीं लिखी. वर्ष 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार नहीं बने, इसके लिए दिल्ली के एक आर्कबिशप ने लोगों से दुआ करने की अपील की है.
यह भी पढ़ें : आर्कबिशप के खत पर बोले गृहमंत्री राजनाथ सिंह, देश में किसी भी तरह के भेदभाव की इजाजत नहीं
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली के आर्कबिशप के पत्र पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि देश में मजहब के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है, देश में सभी अल्पसंख्यक सुरक्षित है. बता दें कि जिस पत्र को लेकर विवाद खड़ा हुआ है उसमें लिखा है- ''हमलोग अशांत राजनीतिक माहौल का गवाह बन रहे हैं. इसके कारण संविधान के लोकतांत्रिक मूल्यों और देश के धर्मनिरपेक्षता को खतरा है.
यह भी पढ़ें : ममता बनर्जी ने दिल्ली के आर्कबिशप के खत का किया समर्थन, दिया यह बयान...
देश और नेताओं के लिए प्रार्थना करना हमारी पवित्र परंपरा है. आम चुनाव नजदीक होने के कारण और भी महत्वपूर्ण हो जाता है.'' पत्र में लिखा है, ''हमलोग साल 2019 की ओर बढ़ रहे हैं. इसी साल हमें नई सरकार मिलेगी. ऐसे में हमें 13 मई से अपने देश के लिए प्रार्थना अभियान शुरू करना चाहिए.''
आर्कबिशप ने अपील की है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एक नई सरकार के लिए चर्चों में प्रार्थना सभाओं का आयोजन करें. साथ ही इस बात को लेकर एक अभियान चलाएं ताकि देश के मतदाता वर्तमान सरकार के खिलाफ मतदान करने के लिए प्रेरित हों.
VIDEO : आर्कबिशप की चिट्ठी पर मचा बवाल
पत्र को लेकर भाजपा ने भी आपत्ति जताई है. केंद्रीय मंत्री एमए नकवी ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी बिना किसी भेदभाव के सभी धर्म और जाति के लिए काम कर रहे हैं. हमें खुले मन से इस पर विचार करना चाहिए.
ये पहली बार नहीं कि ऐसी अपील चर्च की तरफ़ से आई हो. इसी साल नगालैंड चुनाव में चर्च ने कहा था कि सांप्रदायिक पार्टी को वोट न दें. पिछले साल गुजरात चुनाव से पहले भी चर्च ने लोकतंत्र को खतरा बताया था. पिछले साल गोवा चुनाव से पहले भी चर्च ने लोगों को सलाह दी थी.
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केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली के आर्कबिशप के पत्र पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि देश में मजहब के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है, देश में सभी अल्पसंख्यक सुरक्षित है. बता दें कि जिस पत्र को लेकर विवाद खड़ा हुआ है उसमें लिखा है- ''हमलोग अशांत राजनीतिक माहौल का गवाह बन रहे हैं. इसके कारण संविधान के लोकतांत्रिक मूल्यों और देश के धर्मनिरपेक्षता को खतरा है.
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देश और नेताओं के लिए प्रार्थना करना हमारी पवित्र परंपरा है. आम चुनाव नजदीक होने के कारण और भी महत्वपूर्ण हो जाता है.'' पत्र में लिखा है, ''हमलोग साल 2019 की ओर बढ़ रहे हैं. इसी साल हमें नई सरकार मिलेगी. ऐसे में हमें 13 मई से अपने देश के लिए प्रार्थना अभियान शुरू करना चाहिए.''
I have not seen the letter, but I want to say India is one of those countries where minorities are safe & no one is allowed to discriminate on the basis of caste & religion: HM Rajnath Singh, on Archbishop's letter to priests asking to "pray for country" ahead of 2019 elections. pic.twitter.com/JhsZCGVGIB
— ANI (@ANI) May 22, 2018
आर्कबिशप ने अपील की है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एक नई सरकार के लिए चर्चों में प्रार्थना सभाओं का आयोजन करें. साथ ही इस बात को लेकर एक अभियान चलाएं ताकि देश के मतदाता वर्तमान सरकार के खिलाफ मतदान करने के लिए प्रेरित हों.
VIDEO : आर्कबिशप की चिट्ठी पर मचा बवाल
पत्र को लेकर भाजपा ने भी आपत्ति जताई है. केंद्रीय मंत्री एमए नकवी ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी बिना किसी भेदभाव के सभी धर्म और जाति के लिए काम कर रहे हैं. हमें खुले मन से इस पर विचार करना चाहिए.
#Archbishop letter row: Minority Affairs Minister #MukhtarAbbasNaqvi on Tuesday said Prime Minister #NarendraModi is working towards the inclusive growth of the country, irrespective of any religion and caste.
— ANI Digital (@ani_digital) May 22, 2018
Read @ANI story | https://t.co/gdRaPWWV7C pic.twitter.com/9kTvzwqAGS
ये पहली बार नहीं कि ऐसी अपील चर्च की तरफ़ से आई हो. इसी साल नगालैंड चुनाव में चर्च ने कहा था कि सांप्रदायिक पार्टी को वोट न दें. पिछले साल गुजरात चुनाव से पहले भी चर्च ने लोकतंत्र को खतरा बताया था. पिछले साल गोवा चुनाव से पहले भी चर्च ने लोगों को सलाह दी थी.
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