नई दिल्ली:
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार में कोई भ्रष्टाचार नहीं है और यहां का प्रशासन पूरी पारदर्शिता के साथ चल रहा है।
महिला पत्रकारों से बातचीत के दौरान शीला ने दिल्ली लोकायुक्त के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि उन्होंने वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाने वाले विज्ञापन पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया।
शीला ने सवलिया लहजे में कहा, "भ्रष्टाचार कहां है, क्या आप मुझे एक भी मामला बता सकते हैं। राष्ट्रमंडल खेलों को लेकर भी सरकार पर शुंगलू कमेटी में अभियोग लगाने की कोशिश की गई थी, लेकिन रिपोर्ट में क्या कुछ भी सामने आया? भ्रष्टाचार कहां है?"
दिल्ली लोकायुक्त के आरोपों को खारिज करते हुए शीला ने कहा, "लोकायुक्त ने जो कुछ भी किया है, वह इसकी वैधानिक सीमाओं एवं नियमों से बाहर है। वर्ष 2008 का मामला अब क्यों उठाया जा रहा है?"
उन्होंने कहा कि यदि चुनाव प्रचार में सरकारी पैसे का किसी तरह का दुरुपयोग किया गया तो निर्वाचन आयोग इस पर उंगली उठाता। शीला ने कहा, "इसके अतिरिक्त, यदि कोई राजनीतिक दल या व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है तो निर्वाचन आयोग उसे रोकता है।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "हम प्रशासन को अधिक पारदर्शी बना रहे हैं। हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे, जो अधिक खुली है। यदि सेवा प्रदान करने में देरी होती है तो सरकारी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। दिल्ली भारत के सर्वाधिक बेहतर ढंग से प्रशासित राज्यों में है।"
महिला पत्रकारों से बातचीत के दौरान शीला ने दिल्ली लोकायुक्त के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि उन्होंने वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाने वाले विज्ञापन पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया।
शीला ने सवलिया लहजे में कहा, "भ्रष्टाचार कहां है, क्या आप मुझे एक भी मामला बता सकते हैं। राष्ट्रमंडल खेलों को लेकर भी सरकार पर शुंगलू कमेटी में अभियोग लगाने की कोशिश की गई थी, लेकिन रिपोर्ट में क्या कुछ भी सामने आया? भ्रष्टाचार कहां है?"
दिल्ली लोकायुक्त के आरोपों को खारिज करते हुए शीला ने कहा, "लोकायुक्त ने जो कुछ भी किया है, वह इसकी वैधानिक सीमाओं एवं नियमों से बाहर है। वर्ष 2008 का मामला अब क्यों उठाया जा रहा है?"
उन्होंने कहा कि यदि चुनाव प्रचार में सरकारी पैसे का किसी तरह का दुरुपयोग किया गया तो निर्वाचन आयोग इस पर उंगली उठाता। शीला ने कहा, "इसके अतिरिक्त, यदि कोई राजनीतिक दल या व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है तो निर्वाचन आयोग उसे रोकता है।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "हम प्रशासन को अधिक पारदर्शी बना रहे हैं। हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे, जो अधिक खुली है। यदि सेवा प्रदान करने में देरी होती है तो सरकारी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। दिल्ली भारत के सर्वाधिक बेहतर ढंग से प्रशासित राज्यों में है।"
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