राज्यसभा से कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की भावनात्मक विदाई के कुछ दिनों बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने सहयोगियों के साथ जम्मू में शनिवार को एक मंच पर दिखे. यह एनजीओ गांधी ग्लोबल फैमिली का कार्यक्रम था. इस सार्वजनिक कार्यक्रम में कई वे नेता शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल गांधी परिवार के नेतृत्व की शैली पर सवाल उठाए थे. इससे फिर संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी में मतभेद खुलकर उभर रहे हैं.
इन असंतुष्ट नेताओं की एकजुटता को कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के लिए संदेश की तरह देखा जा रहा है. यह सब ऐसे वक्त हुआ है, जब कांग्रेस मार्च-अप्रैल में महत्वपूर्ण चुनावों का सामना कर रही है. इसमें असम, बंगाल, केरल और तमिलनाडु और पुदुच्चेरी का चुनाव शामिल है. पुदुच्चेरी में कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस ने सत्ता गंवाई है.
वहीं कुछ दिनों पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी का वह विवादास्पद बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने उत्तर भारत की जनता की समझ पर सवाल उठाए थे और असंतुष्ट नेताओं में शामिल रहे कपिल सिब्बल ने उनकी आलोचना की थी. आजाद ने कार्यक्रम में कहा, हम सभी धर्मों, क्षेत्रों और जाति के लोगों का सम्मान करते हैं, फिर वह जम्मू-कश्मीर या लद्दाख हो. यही हमारी ताकत है औऱ हम आगे भी ऐसा ही करते रहेंगे. इसे भी परोक्ष तौर पर राहुल गांधी के बयान का खंडन माना जा रहा है.
इस कार्यक्रम में आजाद, सिब्बल के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, लोकसभा सांसद मनीष तिवारी, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा और अभिनय से राजनीति में आए राजबब्बर शामिल थे. ये सभी नेता उत्तर भारत से ताल्लुक रखते हैं.
कांग्रेस के इन असंतुष्टों में से एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में यह एकजुटता मिस्टर गांधी को एक संदेश है. हम उन्हें बताएंगे कि उत्तर से दक्षिण भारत तक देश एक है. " कपिल सिब्बल ने कार्यक्रम में कहा, सच्चाई ये है कि हम कांग्रेस को कमजोर होता देख रहे हैं. इसलिए हम सब यहां एकजुट हुए हैं. हम पहले भी एक साथ आए थे और हम सबको पार्टी को मजबूत बनाना है.
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