मुठभेड़ में मारा गया आतंकी बुरहान वानी (फाइल फोटो)
ह्यूस्टन:
बेशक सेना और पुलिस कश्मीर में आतंक का चेहरा बन चुके बुरहान वानी की मौत के बाद राहत की सांस ले रही हो लेकिन कश्मीर को जानने वाले कहते हैं कि इसके नतीजे काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं।
मात्र 14 साल की उम्र में हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन में शामिल होने वाले बुरहान की तुलना लोग मरे हुए हाथी से कर रहे हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि अगर जिन्दा हाथी की कीमत लाख रुपये है तो मरे हुए की सवा लाख। यानी कईयों को लग रहा है कि कहीं ऐसा ना हो कि बुरहान की मौत कश्मीर को आतंक के एक नये दौर में धकेल दे।
दक्षिण कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन को फिर से जिंदा करने वाला बुरहान सात साल से आतंकी गतिविधियों में सक्रिय था। इसके मारे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर इसकी मौत पर कुछ सवाल उठाए हैं। उनके मुताबिक, जिंदा रहते हुए जो बुरहान सोशल मीडिया के जरिए जो कुछ कर सकता था वो मौत के बाद और ज्यादा खतरनाक साबित होगा।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर वीडियो एवं तस्वीरें डालकर युवाओं से बंदूक उठाने की अपील कर बुरहान चर्चित हुआ था। पुलवामा के त्राल के रहने वाले बुरहान पर 10 लाख रुपये का इनाम था। बुरहान का भाई खालिद वानी पिछले वर्ष मुठभेड़ में मारा गया था। वैसे सुरक्षा बलों ने सोशल नेटवर्किंग साइटों पर बुरहान की कई तस्वीरों को हटवा दिया था लेकिन उसकी इससे उसकी लोकप्रियता कम नहीं हुई।
आपको ये भी बता दें कि डर है कि जिस तरह से मकबूल भट्ट और अफजल गुरु के मारे जाने के बाद कश्मीर में आतंकवाद ने नई करवट ली, कहीं बुरहान के बाद भी ऐसा ना हो। ये डर हर किसी को सता रहा है जिससे निपटना आसान नहीं है क्योंकि जैसे ही ये खबर फैली कि हिज्बुल का पोस्टर ब्वॉय आतंकी कमांडर बुरहान मारा गया है तो पूरा कश्मीर जल उठा और इस हिंसा से दस से ज्यादा लोग मारे गए।
मात्र 14 साल की उम्र में हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन में शामिल होने वाले बुरहान की तुलना लोग मरे हुए हाथी से कर रहे हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि अगर जिन्दा हाथी की कीमत लाख रुपये है तो मरे हुए की सवा लाख। यानी कईयों को लग रहा है कि कहीं ऐसा ना हो कि बुरहान की मौत कश्मीर को आतंक के एक नये दौर में धकेल दे।
दक्षिण कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन को फिर से जिंदा करने वाला बुरहान सात साल से आतंकी गतिविधियों में सक्रिय था। इसके मारे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर इसकी मौत पर कुछ सवाल उठाए हैं। उनके मुताबिक, जिंदा रहते हुए जो बुरहान सोशल मीडिया के जरिए जो कुछ कर सकता था वो मौत के बाद और ज्यादा खतरनाक साबित होगा।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर वीडियो एवं तस्वीरें डालकर युवाओं से बंदूक उठाने की अपील कर बुरहान चर्चित हुआ था। पुलवामा के त्राल के रहने वाले बुरहान पर 10 लाख रुपये का इनाम था। बुरहान का भाई खालिद वानी पिछले वर्ष मुठभेड़ में मारा गया था। वैसे सुरक्षा बलों ने सोशल नेटवर्किंग साइटों पर बुरहान की कई तस्वीरों को हटवा दिया था लेकिन उसकी इससे उसकी लोकप्रियता कम नहीं हुई।
आपको ये भी बता दें कि डर है कि जिस तरह से मकबूल भट्ट और अफजल गुरु के मारे जाने के बाद कश्मीर में आतंकवाद ने नई करवट ली, कहीं बुरहान के बाद भी ऐसा ना हो। ये डर हर किसी को सता रहा है जिससे निपटना आसान नहीं है क्योंकि जैसे ही ये खबर फैली कि हिज्बुल का पोस्टर ब्वॉय आतंकी कमांडर बुरहान मारा गया है तो पूरा कश्मीर जल उठा और इस हिंसा से दस से ज्यादा लोग मारे गए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
कश्मीर में प्रदर्शन, बुरहान मुजफ्फर वानी, कश्मीर हिंसा, आतंकवाद, जम्मू कश्मीर पुलिस, कश्मीर में इंटरनेट, Kashmir Protests, Burhan Wani, Terrorism, Burhan Muzaffar Wani, Kashmir Violence, Jammu And Kashmir Police, Kashmir Mobile Internet