इरोम शर्मिला ने नवंबर, 2000 में अफस्पा के विरुद्ध अनशन शुरू किया था (फाइल फोटो)
इंफाल:
अपना 16 साल पुराना अनशन अगले महीने समाप्त करने की घोषणा कर लोगों को चौंका देने वाली मणिपुर की 'लौह महिला' इरोम चानू शर्मिला ने कहा कि अपने आंदोलन के प्रति आम लोगों की बेरूखी ने उन्हें यह फैसला करने के लिए बाध्य कर दिया।
इरोम ने मीडिया से कहा कि वह सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (आफ्सपा) हटाने की उनकी अपील पर सरकार की तरफ से कोई ध्यान नहीं देने और आम नागरिकों की बेरूखी से मायूस हुई हैं, जिन्होंने उनके संघर्ष को ज्यादा समर्थन नहीं दिया। उन्होंने राज्य में इनर लाइन परमिट सिस्टम के क्रियान्वयन के लिए चले आंदोलन में स्कूली छात्रों के इस्तेमाल की आलोचना की।
मणिपुर विधानसभा चुनाव लड़ेंगी इरोम
सेना के कथित अत्याचारों के विरुद्ध लगभग 16 साल से लगातार अनशन पर रहकर संघर्ष का पर्याय बन चुकीं मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला अपना अनशन 9 अगस्त को खत्म करने जा रही हैं। भूख हड़ताल खत्म करने के साथ-साथ इरोम ने राजनीति में आने और विवाह रचाने की भी घोषणा की है।
इरोम ने मीडिया से कहा कि वह सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (आफ्सपा) हटाने की उनकी अपील पर सरकार की तरफ से कोई ध्यान नहीं देने और आम नागरिकों की बेरूखी से मायूस हुई हैं, जिन्होंने उनके संघर्ष को ज्यादा समर्थन नहीं दिया। उन्होंने राज्य में इनर लाइन परमिट सिस्टम के क्रियान्वयन के लिए चले आंदोलन में स्कूली छात्रों के इस्तेमाल की आलोचना की।
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सेना के कथित अत्याचारों के विरुद्ध लगभग 16 साल से लगातार अनशन पर रहकर संघर्ष का पर्याय बन चुकीं मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला अपना अनशन 9 अगस्त को खत्म करने जा रही हैं। भूख हड़ताल खत्म करने के साथ-साथ इरोम ने राजनीति में आने और विवाह रचाने की भी घोषणा की है।
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