असम के सरकारी अस्पताल की यह नर्स 80 से ज्यादा फर्जी प्रसूतियों के लिए धरी गई
करीमगंज:
असम के सरकारी अस्पताल में लिली बेगम लस्कर नाम की नर्स पिछले छह महीने से 85 बच्चों को 'जन्म' देने में व्यस्त थीं। सुनकर शायद हैरानी होगी लेकिन एक सरकारी स्कीम के बारे में जानकर लिली को इतना लालच आया कि पिछले छह महीने में 85 बच्चों को जन्म देने का दावा करने से भी वह पीछे नहीं हटीं।
दरअसल सुरक्षित प्रसूति को बढ़ावा देने के लिए बनी सरकारी योजना के अनुसार हर महिला जो प्रसव के लिए ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र को चुनेगी, उसे 500 रुपए का ईनाम दिया जाएगा। लस्कर को इस स्कीम में कथित तौर पर अपना फायदा नज़र आया।
अधिकारियों के मुताबिक नर्स लस्कर ने फाइल में दर्ज किया कि इस सरकारी क्लिनिक में 160 प्रसव हुए हैं और इनमें से आधे मामलों में उसने मां के कॉलम में अपना नाम लिख दिया जिसकी बदौलत उसने स्कीम के नाम पर 40 हज़ार रुपए कमा लिए।
'काम ज्यादा - पैसे कम'
राजधानी गुवाहाटी से 350 किमो दूर करीमगंज जिले के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सरफराज़ हक़ ने बताया 'हमें अस्पताल से किसी बेनाम व्यक्ति ने इस बारे में सूचना दी जिसके बाद हमने वहां जाकर मुआयना करने के फैसला किया। वहां जाकर तो हम चौंक गए। इस महिला ने 85 फर्जी प्रसव अपने नाम पर लिख रखे थे।'
सरफराज़ ने बताया कि कमाल की बात यह थे कि भुगतान का काम भी यही नर्स संभाल रही थी इसलिए उसे ऐसा फर्जी काम करने में ज्यादा पेरशानी भी नहीं हुई लेकिन यही वजह थी कि वह आसानी से पकड़ में भी आ गई।
17 सितंबर को लस्कर निलंबित कर दी गई। रविवार को उन्होंने पत्रकारों से कहा 'हम जैसी नर्सों पर बहुत दबाव होता है। हम जो काम करते हैं हमें उसके मुताबिक पैसा तो मिलता नहीं है। इसलिए मैंने करीब 80 फर्जी प्रेग्नेंसी दिखाईं। मुझे इसका अफसोस है।'
दरअसल सुरक्षित प्रसूति को बढ़ावा देने के लिए बनी सरकारी योजना के अनुसार हर महिला जो प्रसव के लिए ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र को चुनेगी, उसे 500 रुपए का ईनाम दिया जाएगा। लस्कर को इस स्कीम में कथित तौर पर अपना फायदा नज़र आया।
अधिकारियों के मुताबिक नर्स लस्कर ने फाइल में दर्ज किया कि इस सरकारी क्लिनिक में 160 प्रसव हुए हैं और इनमें से आधे मामलों में उसने मां के कॉलम में अपना नाम लिख दिया जिसकी बदौलत उसने स्कीम के नाम पर 40 हज़ार रुपए कमा लिए।
'काम ज्यादा - पैसे कम'
राजधानी गुवाहाटी से 350 किमो दूर करीमगंज जिले के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सरफराज़ हक़ ने बताया 'हमें अस्पताल से किसी बेनाम व्यक्ति ने इस बारे में सूचना दी जिसके बाद हमने वहां जाकर मुआयना करने के फैसला किया। वहां जाकर तो हम चौंक गए। इस महिला ने 85 फर्जी प्रसव अपने नाम पर लिख रखे थे।'
सरफराज़ ने बताया कि कमाल की बात यह थे कि भुगतान का काम भी यही नर्स संभाल रही थी इसलिए उसे ऐसा फर्जी काम करने में ज्यादा पेरशानी भी नहीं हुई लेकिन यही वजह थी कि वह आसानी से पकड़ में भी आ गई।
17 सितंबर को लस्कर निलंबित कर दी गई। रविवार को उन्होंने पत्रकारों से कहा 'हम जैसी नर्सों पर बहुत दबाव होता है। हम जो काम करते हैं हमें उसके मुताबिक पैसा तो मिलता नहीं है। इसलिए मैंने करीब 80 फर्जी प्रेग्नेंसी दिखाईं। मुझे इसका अफसोस है।'
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