वीके सिंह के मुद्दे पर सोमवार को भी सदन में हंगामे के आसार

वीके सिंह के मुद्दे पर सोमवार को भी सदन में हंगामे के आसार

विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह के मुद्दे पर राज्यसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच चली आ रही तनातनी सुलझने का नाम नहीं ले रही है। हालत यह है कि गुरुवार और शुक्रवार को राज्यसभा में पहले बसपा और फिर कांग्रेस ने इस मामले पर सदन नहीं चलने दिया। सोमवार को भी जारी गतिरोध थमने के बजाय बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं।

आनंद शर्मा ने बनाया निशाना
राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतरत्न डॉ भीमराव आंबेडकर की 60 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं तो वहीं उनके मंत्री वीके सिंह लगातार अपने बयान से शोषित और दलित का अपमान कर रहे हैं। असंवेदनहीन भाषा का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन इस पर उन्होंने चुप्पी साध रखी है।

राज्यसभा सदस्यों का चूहे-बिल्ली का खेल...
इसी साल 22 अक्टूबर को जनरल वीके सिंह ने हरियाणा के फरीदाबाद में दो दलित बच्चों को जलाए जाने पर कहा कि अगर कहीं कुत्ते पर पत्थर भी फेंका जाता है तो क्या इसके लिए भी प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं ? इसी विवादित बयान को लेकर विपक्ष वीके सिंह के इस्तीफे और सदन से निष्कासन की बात कर रहा है। इसके बावजूद अपने बयान से सरकार की किरकिरी कराने वाले वीके सिंह यहीं नहीं रुके। अपने फेसबुक पेज पर राज्यसभा के सदस्यों की राजनीति को चूहे-बिल्ली के खेल से जोड़ दिया।

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नकवी ने कहा, मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा
जेडीयू सांसद केसी त्यागी ने कहा वे और कुछ दूसरे सांसद मिलकर वीके के खिलाफ सदन की अवमानना की नोटिस लाने पर विचार कर रहे हैं। संसदीय कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि वीके सिंह एक बार नहीं दसियों बार इसको लेकर स्पष्टीकरण दे चुके हैं लेकिन विपक्ष बेवजह मामले को तूल दे रहा है। वजह केवल राजनीतिक हित साधने की कोशिश है। शीतकालीन सत्र का पहला हफ्ता हंगामे की भेट चढ़ गया है। सरकार को जीएसटी समेत कई बिल पास करवाने हैं। ऐसे में सरकार के पास समय कम है और काम ज्यादा।