दिल्ली (Delhi) के निजामुद्दीन में एक कार्यक्रम से लौट कर यहां एक मस्जिद में छिपे तबलीगी जमात (Tabligi Jamaat) के 17 विदेशी नागरिकों को सोमवार को रांची (Ranchi) की एक अदालत ने तीन माह की सजा और 2200 रुपये के जुर्माने के साथ रिहा कर दिया. अदालत ने आरोपियों के आंशिक गुनाह कुबूल करने पर उन्हें तीन-तीन माह की कैद की सजा सुनाई जो उन्होंने न्यायिक हिरासत में पहले ही बिता ली है. इसके साथ ही उन पर 2200-2200 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
अदालत ने आदेश दिया कि चूंकि सभी अभियुक्तों ने सजा की अवधि पहले ही पूरी कर ली है लिहाजा जुर्माना राशि वसूल कर सभी को मुक्त कर दिया जाए और उन्हें अपने देश वापस जाने की अनुमति दी जाए. रांची के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट फहीम किरमानी की अदालत ने सभी 17 विदेशियों को स्वदेश जाने की अनुमति दे दी.
आरोपियों की पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अब्दुल अल्लाम ने ‘पीटीआई भाषा' को बताया कि अदालत ने इन विदेशी लोगों को कुल तीन-तीन माह की कैद और 2200-2200 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. उन्होंने बताया कि सभी 17 विदेशी नागरिक 15 जुलाई को झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत पाने के बाद से ही देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी इच्छा के अनुरूप भ्रमण पर हैं और अब निचली अदालत के आदेश के बाद वे पूरी तरह मुक्त हैं और शीघ्र स्वदेश लौट सकेंगे.
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इसी मामले में विदेशी नागरिकों का सहयोग करने के आरोपी रांची के हाजी मेराज को अदालत ने कुल 6200 रुपये का जुर्माना लगा कर रिहा करने का आदेश दिया.
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