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This Article is From May 08, 2021

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को ऑक्सीजन को लेकर कमेटी गठित करने का सुझाव दिया था : सूत्र

केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए एक कमेटी गठित करने के लिए बिंदुवार सुझाव दिए थे

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को ऑक्सीजन को लेकर कमेटी गठित करने का सुझाव दिया था : सूत्र
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नेशनल टास्क फोर्स गठित की की है जो कि देश में ऑक्सीजन (Oxygen) की उपलब्धता और सप्लाई का आकलन और सिफारिश करेगी. सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार (Central Government) ने स्वयं इसका सुझाव सुप्रीम कोर्ट में दिया था. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए एक कमेटी गठित करने का सुझाव दिया था. सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बिंदुवार सुझाव दिए थे. कमेटी की देखरेख में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए यह सुझाव दिए गए थे.  

सुप्रीम कोर्ट ने आज टास्क फोर्स गठित कर दी है जिसमें 12 सदस्य होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टास्क फोर्स अभी और भविष्य के लिए पारदर्शी और पेशेवर आधार पर महामारी की चुनौतियों का सामना करने के लिए इनपुट और रणनीति प्रदान करेगी. टास्क फोर्स वैज्ञानिक, तर्कसंगत और न्यायसंगत आधार पर राज्यों को ऑक्सीजन के लिए कार्यप्रणाली तैयार करेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टास्क फोर्स एक सप्ताह के भीतर काम करना शुरू करे. सरकार और सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपे. वह सरकार को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करे. नेशनल टास्क फोर्स का कार्यकाल शुरू में छह महीने का होगा.  केंद्र सरकार टास्क फोर्स को सभी जरूरी सहायता देगी. राज्य और अस्पताल भी उसे सहयोग देंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑडिट करने का उद्देश्य जवाबदेही सुनिश्चित करना, ऑक्सीजन का गंतव्य तक पहुंचना, अस्पतालों को इसे उपलब्ध कराना है. ऑडिट का उद्देश्य मरीजों का इलाज करते समय डॉक्टरों द्वारा अच्छे विश्वास में किए गए फैसलों  की जांच करना नहीं है. जब तक टास्क फोर्स प्रस्तावित तौर-तरीकों पर अपनी सिफारिशें नहीं देता है, केंद्र तब तक ऑक्सीजन के आवंटन का मौजूदा अभ्यास जारी रखेगा.

टास्क फोर्स में 12 सदस्य बनाए गए हैं. डॉ भबतोष विश्वास, पूर्व कुलपति, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, कोलकाता; डॉ देवेंद्र सिंह राणा, अध्यक्ष, प्रबंधन बोर्ड, सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली;  डॉ देवी प्रसाद शेट्टी, अध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक, नारायण हेल्थकेयर, बेंगलुरु; डॉ गगनदीप कांग, प्रोफेसर, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर, तमिलनाडु; डॉ जेवी पीटर, निदेशक, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर, तमिलनाडु; डॉ नरेश त्रेहन, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, मेदांता अस्पताल और हार्ट इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम; डॉ राहुल पंडित, निदेशक, क्रिटिकल केयर मेडिसिन और आईसीयू, फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड और कल्याण (महाराष्ट्र); डॉ सौमित्र रावत सर्जिकल विभाग के अध्यक्ष और प्रमुख गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लीवर ट्रांसप्लांट, सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली; डॉ शिव कुमार सरीन, वरिष्ठ प्रोफेसर और हेपेटोलॉजी विभाग के निदेशक, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलीरी साइंस (ILBS), दिल्ली; डॉ जरीर एफ उदवाडिया, कंसल्टेंट चेस्ट फिजिशियन, हिंदुजा हॉस्पिटल, ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल और पारसी जनरल हॉस्पिटल, मुंबई; सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार (पदेन सदस्य) टास्क फोर्स के सदस्य बनाए गए हैं. 

नेशनल टास्क फोर्स का संयोजक, जो भी सदस्य होगा वह केंद्र सरकार का कैबिनेट सचिव होगा. कैबिनेट सचिव  अपने अलावा अतिरिक्त सचिव के पद से नीचे के अधिकारी को नामित नहीं कर सकते हैं.

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