भ्रष्टाचार का मामला : लालू और तेजस्वी यादव को सीबीआई ने पूछताछ के लिए तलब किया

लालू यादव से 11 सितम्बर और तेजस्वी यादव से 12 सितम्बर को सीबीआई करेगी पूछताछ

भ्रष्टाचार का मामला : लालू और तेजस्वी यादव को सीबीआई ने पूछताछ के लिए तलब किया

तेजस्वी यादव और लालू यादव को सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है.

खास बातें

  • आईआरसीटीसी होटल घोटाले की जांच कर रही सीबीआई
  • लालू यादव के रेल मंत्री के कार्यकाल का मामला
  • मामले में तेजस्वी से पहली बार होगी पूछताछ
पटना:

सीबीआई ने कथित आईआरसीटीसी होटल घोटाले में लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी को समन भेजा है. सीबीआई ने लालू यादव को 11 सितंबर और उनके बेटे तेजस्वी को 12 सितंबर को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है.

यह पहला मौका होगा जब तेजस्वी यादव से सीबीआई अधिकारी पूछताछ करेंगे. लालू और तेजस्वी पर रेलवे के होटल के बदले पटना के बेली रोड पर दो एकड़ जमीन अपने नाम लिखवाने का आरोप है. इस मामले में सीबीआई ने 9 जुलाई को उनके पटना में स्थित घर पर छापेमारी भी की थी. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी से डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा देने की मांग की थी. इस पर लालू यादव और तेजस्वी यादव ने पद त्यागने से मना कर दिया था. बाद में नीतीश कुमार ने खुद इस्तीफा दे देकर महगठबंधन खत्म कर दिया और बीजेपी के साथ सरकार बना ली.

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यह मामला लालू यादव के रेल मंत्री के कार्यकाल का है. तब रेलवे के पुरी और रांची के दो होटल पटना के चाणक्य ग्रुप को दिए गए थे. इससे पूर्व इन होटलों के मालिकों की जमीन आरजेडी सांसद प्रेम गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की डिलाइट मार्केटिंग के नाम से कराई गई. और दो वर्ष पूर्व इस कम्पनी में तेजस्वी निदेशक हुए. बाद में कम्पनी का नाम लारा प्रोजक्ट्स कर दिया गया. इस कम्पनी में राबड़ी देवी और तेजप्रताप यादव भी निदेशक हैं लेकिन तेजप्रताप के नाम से शेयर न होने के कारण उनसे एजेंसी कोई पूछताछ नहीं कर रही है.

गौरतलब है कि सीबीआई ने जुलाई में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं उनके बेटे तेजस्वी यादव सहित उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज करने के बाद 12 स्थानों पर छापेमारी की थी. सीबीआई ने पटना, रांची, भुवनेश्वर और गुरग्राम में 12 स्थानों पर छापेमारी की थी.सीबीआई के मुताबिक यह मामला भादंवि की धारा 120बी आपराधिक साजिश, 420 धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का है.

सीबीआई के अनुसार यह पूरी साजिश 2004 से 2014 के बीच में रची गई जिसके तहत पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों के नियंत्रण को पहले आईआरसीटीसी को सौंपा गया और फिर इसका रखरखाव, संचालन और विकास का काम पटना स्थित ''सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड'' को दे दिया गया. आरोप है कि 2004 से 2014 के बीच निविदाएं देने की इस प्रक्रिया में धांधली की गई और निजी पक्ष (सुजाता होटल) को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा की शर्तों को हल्का कर दिया गया. इसके बदले में पूर्वी पटना में तीन एकड़ जमीन को बेहद कम कीमत पर 'डिलाइट मार्केटिंग' को दिया गया जो कि लालू यादव के परिवार के जानकार की है. फिर इसे 'लारा प्रोजेक्ट्स' को स्थानांतरित कर दिया गया, जिसके  मालिक लालू के परिवार के सदस्य हैं.

VIDEO : सीबीआई की कार्रवाई

प्राथमिक जांच के बाद पांच जुलाई को यह मामला दर्ज किया गया था. सीबीआई ने तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव (69), उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनके बेटे तेजस्वी यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. सुजाता होटल के दोनों निदेशक विजय एवं विनय कोचर, चाणक्य होटल, डिलाईट मार्केटिंग कंपनी (जो अब लारा प्रोजक्ट्स के तौर पर पहचानी जाती है)  के मालिकों और तत्कालीन आईआरसीटीसी के प्रबंधक निदेशक पीके गोयल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.


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