पठानकोट एयरबेस के पास अब भी छिपे हैं आतंकवादी, कर सकते हैं हमला : गृह मामलों की समिति

पठानकोट एयरबेस के पास अब भी छिपे हैं आतंकवादी, कर सकते हैं हमला : गृह मामलों की समिति

समिति के मुताबिक, सरकार को सूचित कर दिया गया है और अहम स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है

खास बातें

  • गांव वालों ने समिति को बताया, कुछ आतंकवादी अब भी वहां छिपे हैं
  • समिति की सिफारिश पर सरकार ने CRPF, BSF और सेना को सतर्क किया
  • पाक दल को पठानकोट एयरबेस जाने की इजाजत देने के पक्ष में नहीं थी समिति
जम्मू:

बेहद संवेदनशील माने जाने वाले पठानकोट एयरबेस के पास के गांवों में अब भी आतंकवादी छिपे हुए हैं और वे फिर से एयरबेस पर हमला कर सकते हैं। गृह मामलों पर संसद की स्थाई समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है।

समिति ने कहा कि सरकार को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण केंद्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। समिति अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास सुरक्षा बंदोबस्त की समीक्षा करने जम्मू पहुंची और इससे पहले उसने पठानकोट का दौरा किया था।

समिति ने सरकार के सामने रखे अपने सुझाव
समिति के अध्यक्ष पी भट्टाचार्य ने संवाददाताओं से कहा, 'पठानकोट से लौटने के बाद हमने सरकार के सामने अपने सुझाव रखे और कहा कि पठानकोट पर फिर हमला हो सकता है। गांव वालों ने हमें बताया कि कुछ आतंकवादी अब भी वहां के गांवों में छिपे हुए हैं।' उन्होंने बताया कि समिति की सिफारिश के बाद सरकार ने सीआरपीएफ, बीएसएफ और सेना को सतर्क किया था और एयरबेस की सुरक्षा उनके हवाले कर दी थी।

भट्टाचार्य ने कहा, 'क्या आपको पता है कि कुछ दिन पहले सरकार ने सीआरपीएफ, बीएसएफ और सेना से वायुसैनिक स्टेशन की सुरक्षा संभालने को कहा था, क्योंकि कुछ आतंकवादी वहां छिपे हुए हैं। वे वहां कैसे छिपे हुए हैं, यह पता लगाने का काम मेरा नहीं है, लेकिन जैसी कि हमें ग्रामीणों से जानकारी मिली, हमें बहुत स्पष्ट था कि वे कहीं तो छिपे हैं। हमने इस बारे में सरकार को सूचित कर दिया।'

भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी जांच दल को दो जनवरी को हुए आतंकवादी हमले की जांच के लिए पठानकोट एयरबेस जाने की इजाजत दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण केंद्र का दौरा करने की अनुमति देने के पक्ष में नहीं थे। भट्टाचार्य ने कहा, 'समिति पाकिस्तान की इस खुफिया शाखा को यहां बुलाने के भारत सरकार के विचार का समर्थन नहीं करती। किस लिए? लेकिन भारत सरकार की किसी विदेशी नीति के लिए हम उचित मंच नहीं हैं, हम इसे करने या नहीं करने का फैसला नहीं ले सकते।' पाकिस्तान के पांच सदस्यीय संयुक्त जांच दल ने 27 से 31 मार्च के बीच भारत का दौरा किया था और हमले के सिलसिले में सबूत एकत्रित किये थे।

समिति ने भारत-बांग्ला सीमा और भारत-पाक सीमा के सघन दौरे किए
भट्टाचार्य ने कहा कि नीति संबंधी दिशानिर्देश भारत सरकार को तय करने हैं। उन्होंने कहा, 'समिति ने भारत-बांग्लादेश सीमा और भारत-पाकिस्तान सीमा के सघन दौरे किए और अब हम श्रीनगर की ओर जा रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'हम पठानकोट गए थे जो सबसे अधिक संवेदनशील इलाका है।' समिति ने कहा कि वह घुसपैठ रोकने के लिए बीएसएफ द्वारा उठाए जा रहे कदमों से संतुष्ट है, लेकिन उसने सीमा सुरक्षा बल को पूरी तरह आधुनिक उपकरण मुहैया कराने की वकालत भी की। भट्टाचार्य ने कहा, 'फिलहाल उन्होंने हमें बताया कि वे किस तरह से घुसपैठ रोकने की कोशिश कर रहे हैं। आप नहीं कह सकते कि आज या कल क्या होने वाला है लेकिन अब तक सबकुछ ठीक है।'


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