लश्कर-ए-तैयबा के नवेद को उधमपुर हमले के बाद हिरासत में लिया गया था
नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को आतंकवादी नावेद के पाकिस्तानी नागरिक होने की जांच करने की अनुमति दे दी है। गौरतलब है कि 5 अगस्त को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी नावेद ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में बीएसएफ के एक दल पर हमला किया था जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
नावेद का पोलिग्राफी टेस्ट मंगलवार सुबह किया जाएगा। इससे पहले नावेद ने पूछताछ के दौरान बताया था कि वह पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहना वाला है और उसने कथित तौर पर गूगल अर्थ के ज़रिए अपने इलाके को भी पहचान लिया था।
वहीं नावेद के पिता याक़ूब मोहम्मद ने मीडिया के सामने कबूला था कि हिरासत में लिया गया शख्स उन्हीं का बेटा है। लेकिन इस्लामाबाद ने इस दावे को खारिज करते हुए वैज्ञानिक सूबत की मांग की है जिससे पता चल सके कि नावेद एक पाकिस्तानी नागरिक है।
वहीं एनआईए के सूत्रों का कहना है कि पोलिग्राफी टेस्ट से उधमपुर हमले के पीछे की साज़िश और नावेद के भारत में दाख़िल होने की कहानी का पता लग सकता है। सूत्रों के मुताबिक नावेद के बयान काफी बदलते रहे हैं जिसने जांच में भी रुकावट पैदा की है।
नावेद को 24 अगस्त तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी के हवाले रखा गया है जहां उसके डीएनए सैंपल भी लिए जाएंगे जिसे पाकिस्तान के साथ साझा किया जाएगा ताकि पता लग सके कि फैसलाबाद में मौजूद नावेद के परिवार से ये मेल खाते हैं या नहीं। सोमवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में नावेद को पेश किया गया था जहां उसने टेस्ट के लिए हामी भर दी है।
हर दिन करीब 6 से 8 घंटे तक नावेद से पूछताछ की जा रही है। कथित रूप से नावेद ने जांचकर्ताओं को बताया है कि बेरोज़गार होने की वजह से उसने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ थाम लिया था ताकि उसे पहचान मिल सके।
इसके अलावा नावेद ने यह भी कहा है कि उधमपुर हमले के लिए उसे पचास हजार रुपए दिए गए थे और लश्कर के सरगनाओं ने उसकी देखरेख करने का वादा भी किया था। हालांकि पूछताछ करने वालों का कहना है कि अब नावदे को लग रहा है कि उसे मौत के मुंह में धकेला गया है और वह इस बात का बदला ज़रूर लेगा।
बताया जा रहा है कि करीब 20 साल का नावेद लगातार नशा करता है ताकि उसका मनोबल बना रहे।
नावेद का पोलिग्राफी टेस्ट मंगलवार सुबह किया जाएगा। इससे पहले नावेद ने पूछताछ के दौरान बताया था कि वह पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहना वाला है और उसने कथित तौर पर गूगल अर्थ के ज़रिए अपने इलाके को भी पहचान लिया था।
वहीं नावेद के पिता याक़ूब मोहम्मद ने मीडिया के सामने कबूला था कि हिरासत में लिया गया शख्स उन्हीं का बेटा है। लेकिन इस्लामाबाद ने इस दावे को खारिज करते हुए वैज्ञानिक सूबत की मांग की है जिससे पता चल सके कि नावेद एक पाकिस्तानी नागरिक है।
वहीं एनआईए के सूत्रों का कहना है कि पोलिग्राफी टेस्ट से उधमपुर हमले के पीछे की साज़िश और नावेद के भारत में दाख़िल होने की कहानी का पता लग सकता है। सूत्रों के मुताबिक नावेद के बयान काफी बदलते रहे हैं जिसने जांच में भी रुकावट पैदा की है।
नावेद को 24 अगस्त तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी के हवाले रखा गया है जहां उसके डीएनए सैंपल भी लिए जाएंगे जिसे पाकिस्तान के साथ साझा किया जाएगा ताकि पता लग सके कि फैसलाबाद में मौजूद नावेद के परिवार से ये मेल खाते हैं या नहीं। सोमवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में नावेद को पेश किया गया था जहां उसने टेस्ट के लिए हामी भर दी है।
हर दिन करीब 6 से 8 घंटे तक नावेद से पूछताछ की जा रही है। कथित रूप से नावेद ने जांचकर्ताओं को बताया है कि बेरोज़गार होने की वजह से उसने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ थाम लिया था ताकि उसे पहचान मिल सके।
इसके अलावा नावेद ने यह भी कहा है कि उधमपुर हमले के लिए उसे पचास हजार रुपए दिए गए थे और लश्कर के सरगनाओं ने उसकी देखरेख करने का वादा भी किया था। हालांकि पूछताछ करने वालों का कहना है कि अब नावदे को लग रहा है कि उसे मौत के मुंह में धकेला गया है और वह इस बात का बदला ज़रूर लेगा।
बताया जा रहा है कि करीब 20 साल का नावेद लगातार नशा करता है ताकि उसका मनोबल बना रहे।
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