सैयद अली शाह गीलानी पर शिकंजा कसा
नई दिल्ली:
घाटी में आतंक को बढ़ावा देने के लिए सीमा पार से टेरर फंडिंग पर एनआईए का शिकंजा कसता जा रहा है. एनआईए ने हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गीलानी के छोटे बेटे नसीम गीलानी को इस सिलसिले में पूछताछ के लिए आज दिल्ली समन किया है. एनआईए ने गीलानी के बड़े बेटे नईम गीलानी को भी सोमवार को पूछताछ के लिए समन भेजा था, लेकिन सीने में दर्द की शिकायत के बाद वह मेडिकल ग्राउंड पर पूछताछ के लिए नहीं पहुंचा. गीलानी का दामाद अल्ताफ़ अहमद शाह और छह दूसरे अलगाववादी नेता टेरर फंडिंग के मामले में पहले से ही एनआईए की हिरासत में हैं.
देविंदर सिंह बहल के घर हुई थी छापेमारी
रविवार को एनआईए ने हुर्रियत लीगल सेल के सदस्य देविंदर सिंह बहल के घर छापेमारी की और घंटों पूछताछ की थी. छापेमारी के दौरान एनआईए को 4 मोबाइल फ़ोन, एक टैबलेट, कई दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दूसरे कागजात मिले हैं. पेशे से वकील देविंदर सिंह बहल को हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गीलानी का करीबी बताया जा रहा है. माना जा रहा है कि देविंदर सिंह बहल टेरर फंडिंग के पाकिस्तान और अलगाववादी नेताओं के बीच लिंक का काम करता है. इस बीच एनआईए ने गीलानी के दोनों बेटों को पूछताछ के लिए तलब किया है, जिसके बाद बड़े बेटे को सीने में दर्द की शिकायत हुई और वह अस्पताल में भर्ती हो गया.
कैलेंडर है वजह
खबरों के मुताबिक- गीलानी पर एनआईए की कार्रवाई तेज होने की एक वजह एक कैलेंडर का मिलना भी बताया जा रहा है, जिसमें अलगाववादियों के जम्मू-कश्मीर में अशांति फ़ैलाने का प्लान दर्ज है. बताया जा रहा है कि इस कैलेंडर के ऊपर गिलानी के हस्ताक्षर हैं और इसकी बरामदगी उनके दामाद के पास से हुई है. गिलानी के दामाद फिलहाल एनआईए के गिरफ़्त में हैं.
पढ़ें: टेरर फंडिंग केस : NIA अलगाववादी आसिया अंद्राबी और आतंकी हाफिज सईद के बीच की कड़ी का लगा रही पता
बहल हैं घनिष्ठ सहयोगी
एनआईए ने दावा किया कि बहल गीलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत के कानूनी प्रकोष्ठ का सदस्य है. वह हुर्रियत के एक शीर्ष नेता का घनिष्ठ सहयोगी है और वह नियमित तौर पर मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में शामिल होता था. एजेंसी ने कहा कि वह बहल की एक संदेशवाहक के रूप में भूमिका की जांच कर रही है, क्योंकि उस पर संदेह है कि वह पाकिस्तान स्थित आकाओं से धन लेकर अलगाववादी नेताओं तक पहुंचाने में संलिप्त रहा है.
पढ़ें: 10 साल पुराने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अलगाववादी नेता शब्बीर शाह गिरफ्तार
इससे पहले आठ नेताओं को गिरफ्तार किया था
इससे पहले एनआईए ने आठ अलगाववादी नेताओं को कश्मीर घाटी में आतंकवादी वित्त पोषण के संबंध में गिरफ्तार किया था. इसमें शब्बीर शाह, अल्ताफ शाह, अयाज अकबर, पीर सैफुल्ला, मेहराज कलवल, शाहिद-उल-इस्लाम, नईम खान और बिट्टा कराटे शामिल हैं. इन आरोपियों को एनआईए ने पूछताछ के लिए रिमांड पर ले रखा है. इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं.
देविंदर सिंह बहल के घर हुई थी छापेमारी
रविवार को एनआईए ने हुर्रियत लीगल सेल के सदस्य देविंदर सिंह बहल के घर छापेमारी की और घंटों पूछताछ की थी. छापेमारी के दौरान एनआईए को 4 मोबाइल फ़ोन, एक टैबलेट, कई दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दूसरे कागजात मिले हैं. पेशे से वकील देविंदर सिंह बहल को हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गीलानी का करीबी बताया जा रहा है. माना जा रहा है कि देविंदर सिंह बहल टेरर फंडिंग के पाकिस्तान और अलगाववादी नेताओं के बीच लिंक का काम करता है. इस बीच एनआईए ने गीलानी के दोनों बेटों को पूछताछ के लिए तलब किया है, जिसके बाद बड़े बेटे को सीने में दर्द की शिकायत हुई और वह अस्पताल में भर्ती हो गया.
कैलेंडर है वजह
खबरों के मुताबिक- गीलानी पर एनआईए की कार्रवाई तेज होने की एक वजह एक कैलेंडर का मिलना भी बताया जा रहा है, जिसमें अलगाववादियों के जम्मू-कश्मीर में अशांति फ़ैलाने का प्लान दर्ज है. बताया जा रहा है कि इस कैलेंडर के ऊपर गिलानी के हस्ताक्षर हैं और इसकी बरामदगी उनके दामाद के पास से हुई है. गिलानी के दामाद फिलहाल एनआईए के गिरफ़्त में हैं.
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बहल हैं घनिष्ठ सहयोगी
एनआईए ने दावा किया कि बहल गीलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत के कानूनी प्रकोष्ठ का सदस्य है. वह हुर्रियत के एक शीर्ष नेता का घनिष्ठ सहयोगी है और वह नियमित तौर पर मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में शामिल होता था. एजेंसी ने कहा कि वह बहल की एक संदेशवाहक के रूप में भूमिका की जांच कर रही है, क्योंकि उस पर संदेह है कि वह पाकिस्तान स्थित आकाओं से धन लेकर अलगाववादी नेताओं तक पहुंचाने में संलिप्त रहा है.
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इससे पहले आठ नेताओं को गिरफ्तार किया था
इससे पहले एनआईए ने आठ अलगाववादी नेताओं को कश्मीर घाटी में आतंकवादी वित्त पोषण के संबंध में गिरफ्तार किया था. इसमें शब्बीर शाह, अल्ताफ शाह, अयाज अकबर, पीर सैफुल्ला, मेहराज कलवल, शाहिद-उल-इस्लाम, नईम खान और बिट्टा कराटे शामिल हैं. इन आरोपियों को एनआईए ने पूछताछ के लिए रिमांड पर ले रखा है. इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं.
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