महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और मशहूर वैज्ञानिक प्रोफेसर सीएनआर राव को आज दिल्ली में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।
पिछले साल 16 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले मास्टर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर इस सम्मान से नवाजे जाने वाले पहले खिलाड़ी हैं। उन्हें यहां राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में होने वाले कार्यक्रम में यह सम्मान दिया गया।
तेंदुलकर (40) और राव (79) को देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण भी मिल चुका है। इस तरह वे भारत रत्न से सम्मानित 41 व्यक्तियों की सूची में शामिल हो जायेंगे, जिन्हें 1954 से शुरू हुए इस सम्मान से नवाजा गया है।
24 साल के रिकार्डों से भरे करियर में पूर्व भारतीय कप्तान तेंदुलकर को मुंबई में वेस्टइंडीज के खिलाफ उनके 200वें विदाई मैच के बाद इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चुना गया।
एक अधिकारिक बयान के अनुसार तेंदुलकर विश्व खेलों में देश के सच्चे एम्बेसडर हैं और क्रिकेट में उनकी उपलब्धियां अद्भुत हैं, उनके द्वारा हासिल किये रिकॉर्ड की बराबरी नहीं की जा सकती है और उनकी खेल भावना शानदार है।
इसके अनुसार, 'उन्हें इतने सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया जाना खिलाड़ी के तौर पर उनकी अद्भुत प्रतिभा का साक्ष्य है।'
तेंदुलकर ने 16 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया और अपने रिकर्डों से भरे शानदार प्रदर्शन से पिछले 24 साल में पूरी दुनिया में देश को गौरवान्वित किया। तेंदुलकर को भारत रत्न से नवाजे जाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी और खिलाड़ियों को इससे सम्मानित किए जाने के लिए पिछले साल ही भारत रत्न के पात्रता के मानदंड में संशोधन किया गया।
तेंदुलकर पिछले साल राज्य सभा के सदस्य बनने वाले प्रथम सक्रिय खिलाड़ी थे।
भारत रत्न से नवाजे जाने वाले व्यक्ति को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर की हुई सनद (प्रमाण पत्र) और एक पदक दिया जायेगा। इसमें कोई धन राशि नहीं होती।
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