यह ख़बर 21 जुलाई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

मंदिर के खजाने के लिए समिति गठित

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट ने श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर के खजाने से मिले कीमती सामानों को सूचीबद्ध करने के लिए पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
New Delhi:

सुप्रीम कोर्ट ने केरल के श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर के खजाने से मिले कीमती सामानों को सूचीबद्ध करने के लिए गुरुवार को राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक सीवी आनंद बोस की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया। न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन और न्यायमूर्ति एके पटनायक की खंडपीठ ने कहा कि पांच सदस्यीय समिति 'कलारा ए' से प्राप्त वस्तुओं की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करेगी। साथ ही समिति कीमती सामानों के संरक्षण एवं सुरक्षा, मंदिर परिसर में उच्च सुरक्षा वाले संग्रहालय की स्थापना की संभावना और छठे खजाने 'कालरा बी' को खोले जाने की आवश्यकता पर भी सुझाव देगी, जो अब तक बंद है। यह सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के प्रति जिम्मेदार होगी और अदालत को ही रिपोर्ट करेगी। विशेषज्ञों की इस समिति के कामकाज की निगरानी के लिए अदालत ने न्यायमूर्ति एमएन कृष्णा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एक अन्य समिति का गठन भी किया है। अदालत ने मीडिया से मंदिर के खजानों को लेकर किसी तरह का आकलन नहीं करने के लिए कहा है। मंदिर के पांच खजानों से अब तक हीरे, मानिक, स्वर्ण आभूषण और अन्य मूल्यवान वस्तुएं मिली हैं, जिनकी कीमत एक लाख करोड़ रुपये बताई जा रही है। इनकी खोज सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त टीम ने की है। अब तक मंदिर के छह में से पांच खजाने खोले गए हैं। विशेषज्ञों की समिति मंदिर से मिली इन मूल्यवान वस्तुओं को तीन श्रेणियों- ऐतिहासिक, कलात्मक एवं प्राचीन मूल्य के जेवरात, नियमित रूप से इस्तेमाल होने वाले जेवरात और केवल मौद्रिक मूल्य वाली वस्तुओं में सूचीबद्ध करेगी।


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