यह ख़बर 05 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

तेजपाल के मामले की सुनवाई त्वरित अदालत में होगी : पार्रिकर

मनोहर पर्रिकर का फाइल फोटो

नई दिल्ली:

सहकर्मी महिला पत्रकार के साथ यौन दुर्व्‍यवहार के आरोपी तहलका पत्रिका के संपादक तरुण तेजपाल के मामले की सुनवाई त्वरित अदालत में एक महिला न्यायाधीश द्वारा की जाएगी, वहीं उन तीनों गवाहों के शुक्रवार को गोवा में एक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होने की संभावना है जिन्हें महिला पत्रकार ने कथित घटना की जानकारी सबसे पहले दी थी।

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने गुरुवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा, 'तेजपाल के मामले की सुनवाई त्वरित अदालत में की जाएगी। हम उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे और इस मामले की सुनवाई एक महिला न्यायाधीश द्वारा की जाएगी।'

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, 'मैं देखूंगा कि लड़की को न्याय मिले। किसी को यह चिंता नहीं करनी चाहिए कि सिर्फ पृष्ठभूमि की वजह से तेजपाल के साथ अलग तरीके से या गलत तरीके से सलूक किया जाएगा।'

तहलका के स्टिंग ऑपरेशन की वजह से तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को इस्तीफा देना पड़ा था। पणजी में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने महिला पत्रकार के वे तीन सहकर्मी कल मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराएंगे जिन्हें महिला ने कथित घटना के बाद इसकी जानकारी दी थी।

गोवा पुलिस ने तहलका की पूर्व प्रबंध संपादक शोमा चौधरी को समन करते हुए शनिवार को पेश होने के लिए कहा है। तेजपाल अभी छह दिनों की पुलिस हिरासत में हैं और यह अवधि कल शाम समाप्त हो रही है। तेजपाल को शनिवार को अदालत में पेश किया जाएगा तो पुलिस के उनकी हिरासत अवधि और आठ दिनों के लिए बढ़ाने की मांग करने की संभावना है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है और हम तेजपाल से विस्तृत पूछताछ कर रहे हैं, वह सहयोग कर रहे हैं।' पुलिस उपाधीक्षक सैमी टावारेस की निगरानी में जांच अधिकारी सुनीता सावंत के नेतृत्व वाली टीम तेजपाल के विस्तृत बयान दर्ज कर रही है।

अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, '..तेजपाल कह रहे हैं कि जो कुछ हुआ, वह आपसी सहमति से हुआ। हालांकि, उन्होंने घटना में शामिल होने से इनकार नहीं किया है।' तेजपाल गत शनिवार की रात से पुलिस हिरासत में हैं। उनका अधिकांश समय गोवा मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) की जांच प्रयोगशालाओं और मनोचिकित्सा तथा मानव व्यवहार संस्थान (आईपीएचबी) के ओपीडी आने-जाने में बीत रहा है। तेजपाल की तीसरे दौर की चिकित्सीय जांच होगी।

आरोपी से अपराध शाखा ने रविवार को पूछताछ शुरू की थी। पुलिस ने कहा कि तेजपाल ने महिला पत्रकार और शोमा चौधरी को भी ईमेल भेजने की बात स्वीकार की है।

इस बीच तेजपाल के एक वकील ने पुलिस के इस बयान पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि तेजपाल ने कृत्य स्वीकार कर लिया है लेकिन दावा किया कि इसे 'आपसी सहमति' से अंजाम दिया गया। नाम का खुलासा न करने की शर्त पर वकील ने कहा, 'कबूल किए जाने की अफवाह है। हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। जांच अधिकारी सीआरपीसी की धारा 161 के तहत बयान लेता है और हमारी पहुंच उस बयान तक नहीं है।'
 वकील ने कहा कि बचाव पक्ष के होने के नाते उनकी भूमिका उस वक्त शुरू होगी जब आरोप-पत्र दाखिल कर दिया जाएगा।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'शोमा चौधरी और तीन गवाहों को समन जारी किए गए हैं। हमें उनके द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान के आधार पर तेजपाल से पूछताछ करनी है। हम उनकी पुलिस हिरासत की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करेंगे।'

तेजपाल पर पिछले महीने के शुरू में थिंकफेस्ट कार्यक्रम के दौरान पणजी के एक होटल की लिफ्ट में महिला पत्रकार के साथ यौन दुर्व्‍यवहार करने का आरोप है।

लड़की ने आरोप लगाया है कि तेजपाल ने लगातार दो दिन उसके साथ दो बार यौन दुर्व्‍यवहार किया।

सवालों का जवाब देते हुए पार्रिकर ने कहा कि न्याय मिलने में अगर विलंब हो तो वह अर्थहीन हो जाता है, इसलिए सभी मामलों में शीघ्र न्याय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोवा में बहुत कम लंबित मामलों का रिकॉर्ड है। गोवा के मुख्यमंत्री से जब यह सवाल किया गया कि उन्होंने मीडिया के समक्ष यह क्यों कहा कि जांच ईमानदारी से और बिना किसी हस्तक्षेप के की जाएगी, तो पार्रिकर ने कहा कि वह तो सिर्फ संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे।

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पार्रिकर ने कहा 'यह आपराधिक जांच का मामला है। आपराधिक जांच में हस्तक्षेप करना मेरी आदत नहीं है।'