यौन हमले के आरोपी और तहलका के संस्थापक तरुण तेजपाल की अग्रिम जमानत अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कोई फैसला नहीं सुनाया है। कोर्ट ने आज गोवा पुलिस से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। अगली सुनवाई अब बुधवार को होगी।
कोर्ट में गोवा पुलिस ने तेजपाल की अग्रिम जमानत का विरोध किया है। पुलिस का कहना है कि तेजपाल के खिलाफ उनके पास पुख्ता सबूत हैं। वहीं आज गुजरात पुलिस ने पीड़ित का बयान ले लिया है।
वहीं तेजपाल ने अग्रिम जमानत की जो याचिका दी है उसमें भी पीड़ित पत्रकार को परेशान करने वाली बातें हैं। याचिका में कहा गया है कि 7 नवंबर को जो कुछ हुआ वह हंसी−मजाक में हुआ। यह दिल्लगी का ऐसा लम्हा था, जब दो लोग एकांत में होते हैं।
घटना के अगले दिन 8 नवंबर को दोनों लोग फिर मिले, लेकिन दोबारा ऐसा कुछ नहीं हुआ। कथित तौर पर पीड़ित सहयोगी बिल्कुल सामान्य थी और अपनी गोवा यात्रा के दौरान मौज−मस्ती करती रही।
वह शाम 7.30 से 8 के बीच रेमो फर्नांडिस के कार्यक्रम में भी गई और वहां देर रात तक रही। यौन हमले की शिकायत पूरी तरह बनावटी और झूठी है। शिकायत की जो भाषा है, उसमें भी काफी विरोधाभास है।
वहीं तहलका के एक और पत्रकार ने अपना इस्तीफा दे दिया है। यह पत्रकार राना अयूब है, जो सीनियर एडिटर के पद पर थे।
इससे पहले तहलका के संपादक तरुण तेजपाल के यौन हमले की पीड़ित लड़की ने सोमवार को तहलका से इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे में उसने तहलका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी पर कई आरोप लगाए हैं।
इस्तीफे का कारण बताते हुए पीड़ित पत्रकार ने लिखा है कि यौन हमले के बाद जिस तरह के सपोर्ट की जरूरत तहलका से थी, वह नहीं मिला। साथ ही उसने तहलका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी पर धमकाने और चरित्र हनन का भी आरोप लगाया।
उधर, पीड़िता ने कहा कि संस्थान की ओर से सहयोग की कमी से वह बेहद सदमे में है। ऐसी हालत में वहां काम करते रहना मुमकिन नहीं है। पीड़िता ने कहा कि शोमा चौधरी ने मामला रफा-दफा करने की कोशिश की। वह संस्थान को बचाने में लगी रही।
वहीं मुंबई के पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि अगर पीड़ित लड़की मांग करेगी तो उसे सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। साथ ही उन्होंने गोवा पुलिस को जांच में हर जरूरी मदद देने की भी बात कही है।
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