New Delhi:
अन्ना हजारे के अनशन के 10वें दिन टीम अन्ना ने गुरुवार को कहा कि वे कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति का शिकार हुए हैं और सरकार में कुछ ऐसे मजबूत तत्व हैं, जो बातचीत की पूरी प्रक्रिया को निष्फल बनाने में जुटे हुए हैं। हजारे पक्ष ने इस बात पर भी जोर दिया कि वे ईमानदारी और पूरी गंभीरता से बातचीत करने को तैयार थे, लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल कड़ा रुख रखे हुए हैं, जिनकी वजह से सरकार हजारे पक्ष के साथ लोकपाल विधेयक पर कोई समझौता नहीं कर पा रही है। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, ऐसा लग रहा है कि सरकार में कई ऐसे मजबूत तत्व हैं, जो पूरी वार्ता प्रक्रिया को निष्फल बनाना चाहते हैं...हमें बताया गया कि सीसीपीए में, खास तौर पर चिदंबरम और सिब्बल किसी भी प्रकार की बातचीत अथवा किसी भी प्रकार के समझौते के पूरी तरह खिलाफ थे। केजरीवाल ने कहा, हम कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति का शिकार हो रहे हैं। दो दिन पहले बातचीत सकारात्मक थी, लेकिन सीसीपीए की बैठक में, सलमान खुर्शीद ने हमें बताया कि बहुत टकराव है। चिदंबरम और सिब्बल ने कहा कि हमारे साथ कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए और हमारे साथ कड़ाई से निपटा जाना चाहिए।
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