टीचर्स डे पर गूगल डूडल का सलाम, जानें कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत

सिर्फ छात्र ही नहीं जो स्कूल और कॉलेज की जिंदगी से आगे बढ़ चुके हैं वे भी अपने टीचर्स को याद करते हैं. गूगल ने भी इस दिन को खास बनाने के लिए बेहतरीन डूडल बनाया है.

टीचर्स डे पर गूगल डूडल का सलाम, जानें कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत

टीचर्स डे पर गूगल डूडल

खास बातें

  • डॉ. सर्वपल्‍ली राधा कृष्णन के जन्मदिन पर टीचर्स डे मनाया जाता है
  • वह पूरी दुनिया को ही स्कूल मानते थे
  • 1954 में उन्हें भारत रत्न मिला था
नई दिल्ली:

आज टीचर्स डे है. सभी के लिए आज का दिन बेहद खास होता है क्योंकि आज के दिन अपने फेवरेट टीचर्स को सम्मानित करने का दिन है. सिर्फ छात्र ही नहीं जो स्कूल और कॉलेज की जिंदगी से आगे बढ़ चुके हैं वे भी अपने टीचर्स को याद करते हैं. गूगल ने भी इस दिन को खास बनाने के लिए बेहतरीन डूडल बनाया है. जिसे देखकर आपकी क्लासरूम की यादें ताजा हो जाती हैं. इसमें एक हाथ में स्टिक और एक हाथ में किताब लिए टीचर और बच्चे क्लास में पढ़ते दिखाई दे रहे हैं. छात्र आज अपने टीचर्स को गिफ्ट और फूल देकर सम्मानित करेंगे. उनकी मेहनत, लगन और प्रेम के लिए अपने सम्मान का भाव प्रदर्शित करेंगे.

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डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है टीचर्स डे
डॉ. सर्वपल्‍ली राधा कृष्णन के जन्मदिन 5 सितंबर को टीचर्स डे के रूप में मनाया जाता है. डॉ. सर्वपल्‍ली राधा कृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति और एक शिक्षक थे. वह पूरी दुनिया को ही स्कूल मानते थे, उनका कहना था कि जहां कहीं से भी कुछ सीखने को मिले उसे अपने जीवन में उतार लेना चाहिए. वह पढ़ाने से ज्यादा छात्रों के बौद्धिक विकास पर जोर देने की बात करते थे. वह पढ़ाई के दौरान काफी खुशनुमा माहौल बनाकर रखते थे. 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया.

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ऐसे हुई टीचर्स डे मनाने की शुरुआत
डॉ राधाकृष्णन ने एक बार कहा था कि देश के सबसे उत्कृष्ठ दिमागों को ही शिक्षक होना चाहिए. बाद में जब उन्होंने देश के दूसरे राष्ट्रपति का पदभार संभाला तब उनके कुछ प्रशंसकों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जाहिर की तब उन्होंने कहा कि ये उनके लिए ये ज्यादा सम्मान की बात होगी क उनका जन्मदिन टीचर्स डे के तौर पर मनाया जाए. इसके बाद साल 1962 से उनके जन्मदिम को देश भर टीचर्स डे के रूप में मनाने की परंपरा बन गई. 


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