तमिलनाडु में एक 17 साल की स्कूली छात्रा की आत्महत्या का मामला सामने आया था. हॉस्टल वॉर्डन पर आरोप है कि उसने छात्रा को परेशान किया जिसके बाद उसे सुसाइट कर लिया. मद्रास हाईकोर्ट ने आज इसे मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. 12वीं कक्षा की छात्रा ने 9 जनवरी को आत्महत्या का प्रयास किया था. बाद में उसकी मौत हो गई थी. हॉस्टल वॉर्डन को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था.
पिछले हफ्ते सामने आए एक वीडियो में, पीड़िता को यह करते हुए सुना गया कि वह ठीक से पढ़ाई नहीं कर पा रही थी क्योंकि उसके वार्डन ने उसे कमरे साफ करने, हिसाब-किताब करने और अन्य काम करने के लिए मजबूर किया था. उसने कहा कि उसे ग्रेड गिरने का डर था.
एनडीटीवी इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. वीडियो के अनुसार, लड़की ने कहा, "मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रही थी. मेरे नंबर घट रहे थे इसलिए मैंने जहर खाने का फैसला किया." उसने कहा कि "मुझे खातों की देखभाल समेत और सारा काम भी करना पड़ता था."
इससे पहले, लड़की की मौत के बाद भी एक वीडियो सामने आया था. जिसमें, उसने कहा था कि मेरे माता-पिता ने ईसाई धर्म कबूल करने से इनकार कर दिया था जिसके बाद मुझे परेशान किया गया और दुर्व्यवहार किया गया.
वीडियो में लड़की को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि दो साल पहले उन्होंने मेरे माता-पिता और मुझे ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा था. उन्होंने कहा किवे मेरी शिक्षा का ध्यान रखेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें धर्म परिवर्तन न करने के लिए निशाना बनाया गया था तो उसने कहा कि- हां हो सकता है.
यह वीडियो मोबाइल फोन से बनाए गए हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.
वीडियो कोर्ट को सौंपे गए थे. कोर्ट ने पुलिस से कहा था कि मोबाइल फोन पर लड़की की बात रिकॉर्ड करने वाले व्यक्ति को परेशान नहीं किया जाए और इसके बजाय जांच पर ध्यान दें. पुलिस का कहना है कि न तो लड़की और न ही उसके माता-पिता ने पहले कभी पुलिस या मजिस्ट्रेट या मृत्यु से पहले किसी बयान में धर्मांतरण का आरोप लगाया था.
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