एक नवंबर से दीदार-ए-ताज पड़ेगा महंगा, प्रवेश शुल्क होगा दोगुना

एक नवंबर से दीदार-ए-ताज पड़ेगा महंगा, प्रवेश शुल्क होगा दोगुना

ताजमहल की फाइल फोटो

आगरा:

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन आने वाले राष्ट्रीय संरक्षित स्मारकों में प्रवेश शुल्क तथा फिल्मांकन हेतु लाइसेंस शुल्क और जमानत राशि में भारी वृद्धि की प्रारंभिक अधिसूचना जारी कर दी गई है।

कार्यालय अधीक्षण पुरातत्वविद् भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण आगरा ने इस सम्बंध में 14 सितंबर को अधिसूचना जारी करते हुए आगरा जिला प्रशासन को सूचित किया। साथ ही उसने ताजमहल, लालकिला, फतेहपुर सीकरी, सिकंदरा, एत्मादौला में इस प्रारंभिक अधिसूचना को नोटिस बोर्ड पर चिपका दिया है।

इस सम्बंध में कोई आपत्ति या सुझाव अधिसूचना जारी होने की तिथि से 45 दिनों के भीतर महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण नई दिल्ली को भेजा किया जा सकता है। इसके बाद एक नवम्बर से नए शुल्क को लागू कर दिया जाएगा।

फिलहाल ताजमहल देखने के लिए भारतीय, सार्क और बिमस्टेक देशों के नागरिकों को 20 रुपये, जबकि अन्य देशों के नागरिकों या विदेशी नागरिकों को 750 रुपये देने होते हैं। प्रवेश शुल्क की राशि का एक हिस्सा रोड टैक्स के रूप में आगरा प्रशासन लेता है।

नई दर लागू होने के बाद भारतीय, सार्क और बिमस्टेक देशों के नागरिकों को प्रवेश के लिए कुल शुल्क 40 रुपये जबकि अन्य देशों या विदेशी नागरिकों को 1250 रुपये देने होंगे।

प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष (संशोधन) नियम 2015 की राजाज्ञा 31 जुलाई को जारी की गई, जिसमें देश के सभी प्राचीन एवं पुरातात्विक महत्व के स्मारकों में प्रवेश शुल्क की वृद्धि के सम्बंध में अधिसूचना संस्तुति मंत्रालय के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा की गई है।

‘क’ श्रेणी के स्मारकों के लिए प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए 10 रुपये की जगह 30 रुपये तथा विदेशियों के लिए 250 रुपये की जगह 750 रुपये किया गया है। वहीं ‘ख’ श्रेणी के स्मारकों के लिए प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए पांच रुपये की जगह 15 रुपये एवं विदेशियों के लिए 100 रुपये की जगह 300 रुपये किया गया है।

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किसी भी स्मारक में पहले की तरह 15 साल तक की आयु के बच्चों का प्रवेश नि:शुल्क रखा गया है।