दिल्ली (Delhi) स्थित निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz) के कार्यक्रम में तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) से जुड़े नाबालिग विदेशी जमाती भी शामिल हुए थे. क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक, विदेश से तकरीबन 16 की संख्या में विदेशी नाबालिग जमाती भी निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने आए थे, जिनकी उम्र 15 साल से 18 साल के बीच की थी. इन विदेशी जमातियों को लेकर भारत सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है, न ही क्राइम ब्रांच ने इनके खिलाफ अभी कोई चार्जशीट दाखिल की है.
दिल्ली पुलिस ने इन नाबालिग विदेशी जमातियों के बारे में गृह मंत्रालय को जानकारी दी है. सभी विदेशी जमातियों को हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली में बनाए गए सेंटर्स में रखा गया है. बता दें कि तबलीगी जमात से जुडे़ विदेशी नागरिक खुद को ब्लैकलिस्ट किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. जमातियों ने विभिन्न देशों के विदेशियों को ब्लैकलिस्ट करने के गृह मंत्रालय के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है.
7 विदेशी नागरिकों ने गृह मंत्रालय के इस कदम को असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार का यह फैसला अंसवैधानिक है क्योंकि ब्लैकलिस्ट करने से पहले ना तो उनको नोटिस दिया गया और ना ही उनका पक्ष सुना गया है. याचिका में इस फैसले को रद्द करने की मांग की गई है.
याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा है कि इस फैसले के बाद 4 अप्रैल को सरकार ने भारत में मौजूद 2500 विदेशियों को 10 साल की अवधि के लिए भारत की यात्रा से ब्लैकलिस्ट कर दिया, लेकिन इसके बारे में कोई सूचना नहीं दी गई है. याचिका दाखिल करने वालों में थाईलैंड के दो, केन्या, माले, मोरक्को, ट्यूनीशिया और मलेशिया के एक-एक नागरिक शामिल हैं. इनमें एक सात महीने की गर्भवती भी है.
दरअसल 2 अप्रैल को प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने 35 देशों के 960 विदेशियों को ब्लैकलिस्ट करने के सरकार के फैसले की सूचना दी थी, जो भारत में मौजूद थे. साथ ही ऐसे विदेशी नागरिकों के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी के साथ-साथ दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आदेश जारी किए गए थे.
VIDEO: 10 साल के लिए ब्लैकलिस्ट हुए तबलीगी जमात के 2300 सदस्य
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