गोंदिया:
दो हफ्ते पहले गोंदिया की एक आश्रमशाला में दो बच्चों की सांप काटने से मौत का मामला अब एक नया मोड़ ले लिया है। सरकार के आदिवासी विकास विभाग की मानें तो ये मौत सांप काटने से नहीं बल्कि एंटी मलेरिया दवाओं के ओवरडोज़ से हुई है।
स्कूल प्रशासन ने तब दावा किया था कि बच्चों की मौत सांप काटने से हुई, सरकारी विभाग की मानें तो मलेरिया की दवाएं आश्रमशाला के उन आदिवासी बच्चों को एक अनपढ़ चौकीदार दे रहा था, जो कुपोषण के शिकार थे। यानी, दवाइयां बिना बीमारी का पता किये और बग़ैर डॉक्टरी देखरेख के दी जा रही थीं।
माना जा रहा है कि सांप काटने की कहानी आरोपियों को बचाने के लिये गढ़ी गई थी। अब आदिवासी विकास विभाग के कमिश्नर ने गोंदिया के एसपी को ख़त लिखकर कहा है कि आरोपियों पर ग़ैरइरादतन हत्या और ज्यादती की धाराएं लगाई जाएं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत यह आश्रमशाला एक स्थानीय बीजेपी नेता के स्कूल में चलती है।
स्कूल प्रशासन ने तब दावा किया था कि बच्चों की मौत सांप काटने से हुई, सरकारी विभाग की मानें तो मलेरिया की दवाएं आश्रमशाला के उन आदिवासी बच्चों को एक अनपढ़ चौकीदार दे रहा था, जो कुपोषण के शिकार थे। यानी, दवाइयां बिना बीमारी का पता किये और बग़ैर डॉक्टरी देखरेख के दी जा रही थीं।
माना जा रहा है कि सांप काटने की कहानी आरोपियों को बचाने के लिये गढ़ी गई थी। अब आदिवासी विकास विभाग के कमिश्नर ने गोंदिया के एसपी को ख़त लिखकर कहा है कि आरोपियों पर ग़ैरइरादतन हत्या और ज्यादती की धाराएं लगाई जाएं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत यह आश्रमशाला एक स्थानीय बीजेपी नेता के स्कूल में चलती है।
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