गुड़गांव के पास पोलियो का एक संदिग्ध मामला सामने आया है और 18 माह की एक बच्ची से लिए गए नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।
एक डॉक्टर ने यहां बताया कि गुड़गांव शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर पटौदी के नजदीक हेली मंडी में रहने वाली एक बच्ची में पोलियो के लक्षण पाए गए। बच्ची के दादा ने कहा कि वह अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान है और उसका दायां पैर प्रभावित हो गया है।
बच्ची का दायां पैर 10 दिन पहले उस समय अचानक सुन्न हो गया, जब वह खेल रही थी। परिवार के एक सदस्य ने कहा, 'हम उसे लेकर एक प्राइवेट डॉक्टर के पास गए, जिसने इसे पोलियो बताया।'
दो अन्य डॉक्टरों से परामर्श किया गया और उन्होंने भी इस बीमारी के बारे में एक जैसी बातें कही। उसके बाद इस बारे में सिविल अस्पताल के चिकित्सकों को सूचित किया गया। सिविल सर्जन पुष्पा बिस्नोई ने बताया, 'हम मानते हैं कि यह मामला अक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस (एएफपी) का हो सकता है, जिसके कई कारण हो सकते हैं। एएफपी अचानक होता है।'
बच्ची से लिए गए नमूने एक हफ्ते पहले हिमाचल प्रदेश के कसौली स्थित केंद्रीय अनुसंधान संस्थान भेजे गए हैं। बिश्नोई ने कहा, 'मामले की जांच चल रही है। इसमें परिणाम आने में लगभग 10 दिन लग सकते हैं। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस तरह की जांच एक नियमित मामला है। पिछले साल ऐसे 75 मामले सामने आए थे और सभी नकारात्मक पाए गए थे। इस साल यह पहला नमूना भेजा गया है और हमें आशा है कि यह रिपोर्ट भी नकारात्मक होगी।'
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) 2011 में भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर चुका है, लेकिन यह रोग पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नाईजीरिया और सोमालिया जैसे कई देशों में अभी भी बरकरार है।
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