नरेंद्र मोदी के नेतत्व वाली एनडीए सरकार (Narendra Modi Government) के पहले कार्यकाल में सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने विदेश मंत्री (Foreign Minister) के रूप में गहरी छाप छोड़ी. सोशल मीडिया के जरिये जिस किसी ने उनसे मदद की गुहार लगाई, सुषमाजी ने उनकी समस्या को हल करने का हरसंभव प्रयास किया. बहुत से लोग सुषमा को टैग करते हुए अपनी परेशानियों के बारे में लिखते थे, इस पर वे तुरंत संबंधित अधिकारियों को दिशानिर्देश जारी करते हुए समाधान का रास्ता तैयार करती थीं. भारतीय मूल के लोगों ने पासपोर्ट गुम होने और विदेश में फंसे भारतीयों के परिजनों ने सुषमा के सामने मदद की गुहार लगाई जिस पर वे हमेशा बढ़-चढ़कर मदद के लिए तत्पर रहीं. एक तरह से सुषमा की पहचान ही मोदी सरकार के ऐसे मंत्री के रूप में बन गई थी जिसने सोशल मीडिया का उपयोग लोगों की परेशानी कोजानने और उसका हल निकालने में किया. उनके पास मदद के लिए जो भी पहुंचा, वे उससे इतनी आत्मीयता से मिलती थी जैसे वह उनका कोई अपना हो.सुषमा स्वराज का 67 वर्ष की उम्र में मंगलवार देर रात निधन हो गया. पूरी देश उनके असामयिक निधन से शोक में डूबा हुआ है.
सुषमा स्वराज के निधन पर पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा-भारत दुखी है..
मूक-बधिर किशोरी गीता को पाकिस्तान से भारत वापस लाने में भी सुषमा (Sushma Swaraj) और उनके मंत्रालय का अहम रोल रहा. गीता भटककर पाकिस्तान जा पहुंची थी. गीता के परिवार की तलाश में भी उन्होंने खूब जतन किए. गीता को गले से लगाए हुए सुषमाजी के फोटो अभी भी लोगों के दिल-दिमाग में ताजा होंगे. विदेश मंत्री रहते हुए एक बार सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने कहा था-मैं जब भी गीता से मिलती हूं वह शिकायत करती है और कहती है कि मैडम किसी तरह मेरे माता-पिता को तलाशिये. सुषमा ने अपील करते हुए कहा कि जो भी गीता के मां बाप हों सामने आएं. उन्होंने कहा था कि मैं इस बेटी को बोझ नहीं बनने दूंगी. इसकी शादी, पढ़ाई की सारी जिम्मेदारी हम उठाएंगे.
गीता से आत्मीय तौर पर सुषमाजी (Sushma Swaraj) इस कदर जुड़ी हुई थीं कि वह जब उससे मिलने गई तो तोहफे लेकर पहुंचीं. गीता को इंदौर स्थित मूक-बधिर संगठन में रखा गया था, सुषमाजी लगातार उसकी पढ़ाई और प्रशिक्षण के बारे में जानकारी लेती रहती थीं. बीजेपी को ऊंचाई पर पहुंचाने में भी उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए वे लोकसभा में विपक्ष की नेता रहीं. सुषमाजी (Sushma Swaraj) के भाषण इतने धारदार और तथ्यपूर्ण होते थे कि विपक्षी भी उनकी तारीफ किए बिना नहीं रहते थे.
वीडियो: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन
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