यह ख़बर 27 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

सरकार के सफेद झूठ का होगा पर्दाफाश : भाजपा

खास बातें

  • सुषमा ने कहा कि सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती द्वारा उच्चतम न्यायालय में पेश हलफनामे में कही गई यह बात असत्य है।
New Delhi:

विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने ऐलान किया कि दागी पीजी थामस को संदेहास्पद परिस्थितियों में सीवीसी नियुक्त करने के बारे में सरकार की ओर से देश की शीर्ष अदालत में बोले गए सफेद झूठ का पर्दाफाश करने के लिए वह हलफनामा दाखिल करेंगी। सुषमा ने कहा कि सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती द्वारा उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को पेश हलफनामे में कही गई यह बात असत्य है कि उनका चयन करने वाली समिति को इस बात की जानकारी नहीं थी कि थामस के खिलाफ पामोलिन आयात मामले में केरल में मामला लंबित है। उन्होंने कहा कि यह सरासर झूठ है कि थामस के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप को उच्च अधिकार प्राप्त समिति के समक्ष नहीं लाया गया जिसमें उनके अलावा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृह मंत्री पी चिदंबरम सदस्य थे। विपक्ष की नेता ने कहा, यह सही नहीं है। वास्तव में यह गलतबयानी है। मैंने व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के समक्ष इस विषय को एक बैठक में उठाया था लेकिन इसके बावजूद उन दोनों ने इस नियुक्ति पर जोर दिया। सरकार पर एक के बाद एक झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, मैं न्यायिक प्रक्रिया से दूर रहती हूं, लेकिन सच को सामने लाने के लिए अब मैंने विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि थामस की नियुक्ति का न सिर्फ उन्होंने विरोध किया बल्कि बाद में अपना विरोध जताने के लिए वह सीवीसी के शपथ समारोह में भी शामिल नहीं हुई। भाजपा के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि थामस की संदेहास्पद परिस्थितियों में की गई नियुक्ति के लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जिम्मेदार और जवादेह हैं। 2 जी स्पेट्रम घोटाले के लिए ए राजा और राष्ट्रमंडल खेलों के घपले के लिए सुरेश कलमाडी काफी हद तक जवाबदेह हैं लेकिन थामस के मामले में सिंह अकेले जवाबदेह हैं। उन्होंने आरोप लगाया, मनमोहन सिंह सरकार कुछ छिपाना चाहती है। कमज़ोर पायदान पर खड़े व्यक्ति को सीवीसी इसीलिए बनाया गया कि घोटालों के बहुत सारे मामले उसके सामने आएंगे। प्रसाद ने सरकार के इस दावे को गलत बताया कि उसे नहीं मालूम था कि थामस के खिलाफ पामोलिन आयल का मामला लंबित है। उन्होंने कहा कि छोटे से छोटे पद की नियुक्ति से पहले व्यक्ति की छानबीन की जाती है तो इतने बड़े पद पर कोई छानबीन नहीं की गई यह संभव हो ही नहीं सकता।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com