पटना / बोधगया / नई दिल्ली:
बोधगया पहुंचे गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि केंद्र सरकार धार्मिक जगहों पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी सीआईएसएफ की सुरक्षा मुहैया कराने के बारे में विचार करेगी। गृहमंत्री ने धमाकों की निंदा करते हुए बताया कि कुल 13 बम प्लांट किए गए थे, जिनमें से 10 फटे। शिंदे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाबोधि मंदिर में रविवार को हुए धमाके के बाद आज घटनास्थल का दौरा किया। शिंदे के साथ गृह सचिव और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।
उधर, महाबोधि मंदिर में हुए आतंकी हमले के बाद हिरासत में लिए गए चार लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। मंगलवार को सीसीटीवी तस्वीरों के आधार पर संदिग्ध पाए जाने पर तीन लड़कों और एक लड़की को हिरासत में लिया गया था, लेकिन अब इन्हें छोड़ दिया गया है।
पटना के एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि हिरासत में लिए गए इन लोगों से बिहार पुलिस के अलावा एनआईए और आईबी की टीम द्वारा पूछताछ की गई। मामले में उनकी संलिप्तता के साक्ष्य नहीं पाए जाने पर उन्हें छोड़ दिया गया है। उन्होंने बताया कि ये सभी लोग महाबोधि मंदिर के समीप क्लोज सर्किट टीवी में अपनी फुटेज होने की बात पता चलने पर स्वयं पटना के एसपी (सिटी) जयकांत के पास आए थे।
धमाके की सुबह इन लोगों ने महाबोधि मंदिर परिसर के पास स्थित एक होटल में दो कमरे बुक कराए थे। वे मंदिर भ्रमण के लिए जाने वाले थे कि तभी उन्हें होटल कर्मचारियों से मंदिर परिसर में बम धमाके होने की बात पता चली और उन्होंने वापस लौटने के लिए सुबह 6:30 बजे ही होटल छोड़ दिया था। जयकांत ने बताया कि इन सभी ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि वे घूमने के इरादे से वहां गए थे। होटल का कमरा केवल दो घंटे के लिए बुक कराए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि मंदिर का गेट सुबह पांच बजे खुलता है, लेकिन होटल के कर्मचारियों से यह पता चलने पर कि मंदिर परिसर में बम धमाके हुए हैं, वे वापस लौट गए।
केंद्र ने बिहार सरकार के अनुरोध पर मंगलवार रात बोधगया बम धमाकों की जांच का काम राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया। केंद्रीय गृहमंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की कि 7 जुलाई को हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों की जांच बिहार पुलिस से लेकर एनआईए को सौंप दी गई है। एनआईए का एक दल शनिवार की शाम को बोधगया पहुंचा था और वह जांच में बिहार पुलिस की मदद कर रहा था। शनिवार को सुबह में बम धमाके हुए थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र से इन धमाकों की जांच एनआईए को सौंपने की मांग की थी।
उधर, बोधगया में हुए आतंकी हमले के बाद बिहार सरकार ने राज्य में एटीएस के गठन का फैसला किया है। एटीएस यानी एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड का मुख्य काम इस तरह के आतंकी हमलों को राज्य में दोबारा होने से रोकना होगा।
मंगलवार को पटना में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया। बिहार सरकार के अधिकारियों के मुताबिक एटीएस में एक आईजी रैंक के अधिकारी के अलावा अन्य अफसर शामिल होंगे।
(इनपुट भाषा से भी)
उधर, महाबोधि मंदिर में हुए आतंकी हमले के बाद हिरासत में लिए गए चार लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। मंगलवार को सीसीटीवी तस्वीरों के आधार पर संदिग्ध पाए जाने पर तीन लड़कों और एक लड़की को हिरासत में लिया गया था, लेकिन अब इन्हें छोड़ दिया गया है।
पटना के एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि हिरासत में लिए गए इन लोगों से बिहार पुलिस के अलावा एनआईए और आईबी की टीम द्वारा पूछताछ की गई। मामले में उनकी संलिप्तता के साक्ष्य नहीं पाए जाने पर उन्हें छोड़ दिया गया है। उन्होंने बताया कि ये सभी लोग महाबोधि मंदिर के समीप क्लोज सर्किट टीवी में अपनी फुटेज होने की बात पता चलने पर स्वयं पटना के एसपी (सिटी) जयकांत के पास आए थे।
धमाके की सुबह इन लोगों ने महाबोधि मंदिर परिसर के पास स्थित एक होटल में दो कमरे बुक कराए थे। वे मंदिर भ्रमण के लिए जाने वाले थे कि तभी उन्हें होटल कर्मचारियों से मंदिर परिसर में बम धमाके होने की बात पता चली और उन्होंने वापस लौटने के लिए सुबह 6:30 बजे ही होटल छोड़ दिया था। जयकांत ने बताया कि इन सभी ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि वे घूमने के इरादे से वहां गए थे। होटल का कमरा केवल दो घंटे के लिए बुक कराए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि मंदिर का गेट सुबह पांच बजे खुलता है, लेकिन होटल के कर्मचारियों से यह पता चलने पर कि मंदिर परिसर में बम धमाके हुए हैं, वे वापस लौट गए।
केंद्र ने बिहार सरकार के अनुरोध पर मंगलवार रात बोधगया बम धमाकों की जांच का काम राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया। केंद्रीय गृहमंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की कि 7 जुलाई को हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों की जांच बिहार पुलिस से लेकर एनआईए को सौंप दी गई है। एनआईए का एक दल शनिवार की शाम को बोधगया पहुंचा था और वह जांच में बिहार पुलिस की मदद कर रहा था। शनिवार को सुबह में बम धमाके हुए थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र से इन धमाकों की जांच एनआईए को सौंपने की मांग की थी।
उधर, बोधगया में हुए आतंकी हमले के बाद बिहार सरकार ने राज्य में एटीएस के गठन का फैसला किया है। एटीएस यानी एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड का मुख्य काम इस तरह के आतंकी हमलों को राज्य में दोबारा होने से रोकना होगा।
मंगलवार को पटना में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया। बिहार सरकार के अधिकारियों के मुताबिक एटीएस में एक आईजी रैंक के अधिकारी के अलावा अन्य अफसर शामिल होंगे।
(इनपुट भाषा से भी)
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