भंडारा (महाराष्ट्र):
महाराष्ट्र के भंडारा जिले में तीन नाबालिग लड़कियों का अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और फिर उनकी हत्या किए जाने पर दुख जाहिर करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि राज्य पुलिस अपराध अंजाम देने वालों को पकड़ने के लिए हर मुमकिन कोशिश में जुटी हुई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की।
केंद्रीय गृहमंत्री शिंदे इस मामले पर बयान देते समय शुक्रवार को एक बार फिर विवादों में घिर गए। उन्होंने भंडारा दुष्कर्म-हत्या मामले की शिकार लड़कियों के नाम राज्यसभा में जाहिर कर दिए। उनके इस कदम पर विपक्ष और महिला कार्यकर्ताओं ने कड़ी आपत्ति उठाई। बाद में शिंदे ने अपना बयान वापस ले लिया और राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन ने नाम को कार्यवाही से निकालने का निर्देश दिया।
घटना पर राज्यसभा में बयान देते हुए शिंदे ने कहा, "मैं इस घटना से बेहद आहत हूं कि एक ही परिवार की तीन नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म किए जाने के बाद क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी गई और उनके शव को कुएं में फेंक दिया गया।" उन्होंने कहा, "लड़कियों की गुमशुदगी को गंभीरता से नहीं लेने के कारण थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच विभिन्न पहलुओं से करने के लिए कई जांच टीमों का गठन किया गया है।"
14 फरवरी को 11 से छह साल के बीच उम्र की तीनों बहने स्कूल से घर वापस नहीं लौटी। दो दिनों बाद उनका शव एक कुएं से मिला। चूंकि इस मामले में शामिल लोगों की पहचान नहीं हो पाई है इसलिए भाजपा ने इसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की।
भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "महाराष्ट्र में कानून एवं व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। पिछले एक महीने में 10 से ज्यादा दुष्कर्म के मामले प्रकाश में आए हैं। मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि मामले की जांच सीबीआई से कराने की राज्य सरकार की सिफारिश की प्रतीक्षा नहीं करे।"
बाद में शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने अपना बयान वापस ले लिया है और राज्यसभा के उपसभापति (पीजे कुरियन) ने इसे कार्यवाही के रिकार्ड से निकाल दिया है। मैंने गृह सचिव को दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच करने के लिए कहा है।"
राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, "अपराध कानून अध्यादेश 2013 के अनुसार दुष्कर्म पीड़िताओं की पहचान का खुलासा कभी नहीं किया जाना है। लेकिन गृहमंत्री ने सभी तीन पीड़िताओं की पहचान जाहिर कर दी।" उन्होंने कहा, "पूरा सदन इस पर चर्चा कर रहा है। गृहमंत्री को इसे समझना चाहिए और बयान वापस लेकर इसे दुरुस्त कर फिर से सदन के समक्ष रखना चाहिए।"
इसके बाद राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन ने पीड़िताओं के नाम को सदन की कार्यवाही के रिकार्ड से बाहर निकाल दिया। उन्होंने कहा, "यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है, पीड़िताओं के नाम को सदन की कार्यवाही से बाहर समझा जाना चाहिए और मीडिया को अपनी किसी भी रिपोर्ट में इस नाम का जिक्र नहीं करना चाहिए, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।"
केंद्रीय गृहमंत्री शिंदे इस मामले पर बयान देते समय शुक्रवार को एक बार फिर विवादों में घिर गए। उन्होंने भंडारा दुष्कर्म-हत्या मामले की शिकार लड़कियों के नाम राज्यसभा में जाहिर कर दिए। उनके इस कदम पर विपक्ष और महिला कार्यकर्ताओं ने कड़ी आपत्ति उठाई। बाद में शिंदे ने अपना बयान वापस ले लिया और राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन ने नाम को कार्यवाही से निकालने का निर्देश दिया।
घटना पर राज्यसभा में बयान देते हुए शिंदे ने कहा, "मैं इस घटना से बेहद आहत हूं कि एक ही परिवार की तीन नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म किए जाने के बाद क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी गई और उनके शव को कुएं में फेंक दिया गया।" उन्होंने कहा, "लड़कियों की गुमशुदगी को गंभीरता से नहीं लेने के कारण थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच विभिन्न पहलुओं से करने के लिए कई जांच टीमों का गठन किया गया है।"
14 फरवरी को 11 से छह साल के बीच उम्र की तीनों बहने स्कूल से घर वापस नहीं लौटी। दो दिनों बाद उनका शव एक कुएं से मिला। चूंकि इस मामले में शामिल लोगों की पहचान नहीं हो पाई है इसलिए भाजपा ने इसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की।
भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "महाराष्ट्र में कानून एवं व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। पिछले एक महीने में 10 से ज्यादा दुष्कर्म के मामले प्रकाश में आए हैं। मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि मामले की जांच सीबीआई से कराने की राज्य सरकार की सिफारिश की प्रतीक्षा नहीं करे।"
बाद में शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने अपना बयान वापस ले लिया है और राज्यसभा के उपसभापति (पीजे कुरियन) ने इसे कार्यवाही के रिकार्ड से निकाल दिया है। मैंने गृह सचिव को दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच करने के लिए कहा है।"
राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, "अपराध कानून अध्यादेश 2013 के अनुसार दुष्कर्म पीड़िताओं की पहचान का खुलासा कभी नहीं किया जाना है। लेकिन गृहमंत्री ने सभी तीन पीड़िताओं की पहचान जाहिर कर दी।" उन्होंने कहा, "पूरा सदन इस पर चर्चा कर रहा है। गृहमंत्री को इसे समझना चाहिए और बयान वापस लेकर इसे दुरुस्त कर फिर से सदन के समक्ष रखना चाहिए।"
इसके बाद राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन ने पीड़िताओं के नाम को सदन की कार्यवाही के रिकार्ड से बाहर निकाल दिया। उन्होंने कहा, "यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है, पीड़िताओं के नाम को सदन की कार्यवाही से बाहर समझा जाना चाहिए और मीडिया को अपनी किसी भी रिपोर्ट में इस नाम का जिक्र नहीं करना चाहिए, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।"
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