सुशील कुमार शिंदे ने संसद में 'हिंदू आतंकवाद' शब्द के इस्तेमाल से किया इनकार

सुशील कुमार शिंदे ने संसद में 'हिंदू आतंकवाद' शब्द के इस्तेमाल से किया इनकार

सुशील कुमार शिंदे (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने शनिवार को इसका जोरदार खंडन किया कि उन्होंने संसद में 'हिंदू आतंकवाद' शब्द का इस्तेमाल किया था जैसा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया है।

सिंह ने कल संसद में कहा था कि संप्रग शासनकाल के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री ने सदन में 'हिंदू आतंकवाद' शब्द का इस्तेमाल किया जिसके परिणामस्वरूप आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई 'कमजोर' हुई।

शिंदे ने आरोप से इनकार करते हुए कहा, 'मैंने कभी भी संसद में हिंदू आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। मैंने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल जयपुर में पार्टी के एक मंच पर किया था लेकिन मैंने तत्काल स्वयं को सुधार लिया और उसे वापस ले लिया क्योंकि आतंकवाद की कोई जाति, पंथ या धर्म नहीं होता।'

पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री शिंदे ने यह बात पुणे के एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से कही। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को गुरदासपुर आतंकवादी हमले के मद्देनजर उठाया जा रहा है ताकि आतंकवाद से निपटने में वर्तमान सरकार की 'निष्क्रियता' से ध्यान बंटाया जा सके।

शिंदे ने कहा, '2000-2001 में एयर इंडिया की एक उड़ान का अपहरण करके उसे कंधार ले जाया गया था। तत्कालीन सरकार के मंत्री ने तब अपहरणकर्ताओं की ओर से रखी गई शर्तें मानी और मौलाना मसूद और उमर शेख सहित तीन आतंकवादियों को कंधार पहुंचाया।' उन्होंने दावा किया कि इससे आतंकवादियों के हौसले बढ़े जिससे लाल किले और संसद भवन परिसर पर आतंकवादी हमले हुए।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में बढ़े हुए आतंकवादी हमलों को नियंत्रित करने की क्षमता की कमी है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

शिंदे ने इसके साथ ही 1993 मुम्बई बम विस्फोट मामले के दोषी याकूब मेमन की फांसी की पहले घोषणा करने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, जब आतंकवादी लोगों की हत्या करते हैं, वे इसकी पहले सार्वजनिक घोषणा नहीं करते।