सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उनके परिवार की तरफ से केस लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और इसकी जांच की शैली की तीखी आलोचना की है.उन्होंने एनडीटीवी को बताया, "एनसीबी मीडिया में आने के लिए बहुत उत्सुक है और मूल रूप से इन सभी मामलों को सुर्खियों में लाने के लिए उठाया जा रहा है."
अधिवक्ता विकास सिंह का यह बयान शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की ड्रग्स-ऑन-क्रूज मामले में गिरफ्तारी और उसके बाद जमानत के बाद आई है. उन्होंने जून 2020 में बॉलीवुड स्टार की मौत पर अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के खिलाफ सुशांत सिंह के पिता केके सिंह की तरफ से केस लड़ा था. उनकी मौत के बाद से ही फिल्म इंडस्ट्री में कथित ड्रग लिंक की जांच के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.
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पिछले एक साल में एनसीबी ने कई फिल्म इंडस्ट्री की हस्तियों से पूछताछ की है और उनमें से कई जांचों में व्यक्तिगत व्हाट्सएप चैट और मैसेज कथित तौर पर मीडिया में भी लीक किए गए हैं. इन चैट लीक के लिए कई लोगों ने मुंबई में एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को जिम्मेदार ठहराया है. जिन पर एनसीबी के गवाह ने हलफनामा में रिश्वत लेने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. मुंबई पुलिस ने उसका बयान दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है. वहीं वानखेड़े ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि यह ड्रग्स मामले की जांच को प्रभावित करने का प्रयास है. इसके लिए उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है. जिस पर कोर्ट ने आदेश दिया है कि वानखेड़े के खिलाफ कोई भी एक्शन लेने से पहले पुलिस को 72 घंटे का नोटिस देना होगा.
आर्यन खान के मामले पर चर्चा करते हुए कहा अधिवक्ता सिंह ने कहा कि वे सिर्फ छोटे कंज्यूमरों को निशाना बना रहे हैं और हमारे बच्चे हमें बताते हैं दिल्ली की पार्टियों में बच्चों द्वारा खूब ड्रग्स का सेवन किया जा रहा है. अगर यही एनसीबी का मानक है, तो उन्हें दिल्ली में भी पार्टियों पर छापा मारना शुरू कर देना चाहिए, जहां शक्तिशाली लोग हैं.
उन्होंने एनसीबी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके लिए बॉलीवुड को चुनना और बॉलीवुड को एक बुरा नाम देना उचित नहीं है, जैसे कि बॉलीवुड नशे की लत से भरा हुआ है. यह एनसीबी का सही रवैया नहीं है. बड़ी मछलिओं के बजाय वे सिर्फ लोगों का ध्यान भटका रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि 23 वर्षीय आर्यन खान को 2 अक्टूबर को मुंबई में एक क्रूज की तलाशी के दौरान कथित तौर पर फोन में मिले व्हाट्सएप चैट के आधार पर गिरफ्तार किया था. एनसीबी ने उन्हें 8 अक्टूबर को मुंबई की आर्थर रोड जेल भेजा था, जहां से शनिवार को वह जमानत पर रिहा हो गए हैं. एनसीबी ने कोर्ट में व्हाट्सएप चैट के आधार पर उन्हें "अवैध ड्रग सौदों" में संलिप्त बताई थी.
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