तिरुवनंतपुरम:
केरल सरकार को कानूनी राय मिली है कि सूर्यनेल्ली सामूहिक बलात्कार मामले में राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन के खिलाफ फिर से जांच का आदेश देने की कोई जरूरत नहीं है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य लोक अभियोजक द्वारा सौंपी गई कानूनी राय रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ित केवल उन्हीं आरोपों को दोहरा रही है, जो उन्होंने पहले लगाए थे। पीड़ित ने ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया है, जिसमें कोई नया खुलासा होता हो और कुरियन के खिलाफ फिर जांच कराने की जरूरत पड़ती हो।
रिपोर्ट के अनुसार ऐसी कोई भी सामग्री उपलब्ध नहीं है, जिससे दोबारा जांच की आवश्यकता पड़ती हो। केरल सरकार ने यह कानूनी राय इसलिए मांगी थी, क्योंकि पीड़ित अपने इन आरोपों पर कायम है कि कुरियन उन लोगों में शामिल हैं, जिन लोगों ने 1996 में कुमाली अतिथिगृह में उससे छेड़छाड़ की थी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य लोक अभियोजक द्वारा सौंपी गई कानूनी राय रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ित केवल उन्हीं आरोपों को दोहरा रही है, जो उन्होंने पहले लगाए थे। पीड़ित ने ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया है, जिसमें कोई नया खुलासा होता हो और कुरियन के खिलाफ फिर जांच कराने की जरूरत पड़ती हो।
रिपोर्ट के अनुसार ऐसी कोई भी सामग्री उपलब्ध नहीं है, जिससे दोबारा जांच की आवश्यकता पड़ती हो। केरल सरकार ने यह कानूनी राय इसलिए मांगी थी, क्योंकि पीड़ित अपने इन आरोपों पर कायम है कि कुरियन उन लोगों में शामिल हैं, जिन लोगों ने 1996 में कुमाली अतिथिगृह में उससे छेड़छाड़ की थी।
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