भारतीय सेना द्वारा बुधवार की रात एलओसी पर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भारत की ओर से कल रात किए गए सर्जिकल हमले को कैमरे पर रिकॉर्ड किया गया था. शीर्ष सूत्रों के अनुसार, सरकार यह फैसला करेगी कि क्या इस फुटेज को जारी करना है और यदि जारी करना है तो कब. इसमें से कुछ फुटेज ड्रोन के जरिये हासिल किए गए.
सेना ने गुरुवार को बताया कि आधी रात को, भारतीय सैनिकों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार सात शिविरों को निशाना बनाया जहां भारत में घुसपैठ करने और कश्मीर सहित देश के अन्य शहरों पर आतंकी हमले करने के इरादे से आतंकवादी जमा हुए थे. सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई से पाकिस्तान भौचक्का रह गया. ऑपरेशन को पूरे प्रभाव से अंजाम देने के दौरान भारत का कोई जवान हताहत नहीं हुआ. बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए हैं. हर उस लांच पैड को निशाना बनाया गया, जहां कम से कम 10 आतंकी और करीब इतनी ही संख्या में गाइड और अन्य सहायक रखे गए थे.
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पढ़ें क्या है सर्जिकल स्ट्राइक
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गुरुवार सुबह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा की समीक्षा बैठक में मौजूद रहे मंत्रियों ने बताया कि इस वर्ष के प्रारंभ में पठानकोट के सैन्य शिविर में आतंकी हमले के बाद सरकार को लोगों की भारी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा था. उन्होंने बताया कि इस नाराजगी को दूर करने के लिए, भारत की ओर से पाकिस्तान को अलग-थलग करने के कदमों के तहत व्यापार में उसका मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म करना और अपने राजनयिकों को वापस बुलाना पर्याप्त नहीं रह गया था. इन मंत्रियों ने बताया कि भारतीय सैनिक लाइन ऑफ कंट्रोल के पार करीब दो किमी. अंदर तक गए. उन्होंने कहा, 'हमारा मकसद काफी गहराई तक जाकर सूर्योदय के पहले वापस लौटने का था.' उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान का इनकार करना अपेक्षित था.
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पढ़ें बुधवार आधी रात को क्या हुआ था
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यह स्ट्राइक जिसमें पैरा कमांडो और हेलिकॉप्टरों को शामिल किया गया था, उसे उरी हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से दिया गया पहला प्रत्यक्ष सैन्य जवाब बताया जा रहा है. गौरतलब है कि 18 सितंबर को पाकिस्तान से आए चार आतंकवादियों ने एक 47 और ग्रेनेड के साथ उरी स्थित सेना के कैंप पर हमला किया था.
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सेना का खुलासा
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इस कदम को समझाते हुए सूत्रों ने बताया कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दो साल से शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत थे (लेकिन) नवाज़ शरीफ ने अपनी सेना के हिसाब से चलने का फैसला किया.' उधर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र की महासभा में सोमवार को कहा कि 'पीएम मोदी ने कई बार शरीफ की तरफ हाथ बढ़ाया, फिर वह उनके प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में न्यौता देना हो या फिर पाकिस्तान प्रमुख के जन्मदिन पर उन्हें बधाई देने के लिए पीएम का अचानक पहुंचना, लेकिन इसका जवाब आतंकी हमलों से दिया गया.'
इससे पहले पीएम ने चेतावनी दी थी कि उरी हमले का सही वक्त पर सेना द्वारा जवाब दिया जाएगा. हाल ही के दिनों में मोदी सरकार द्वारा सिंधु संधि और अन्य व्यापारिक समझौते पर पुनर्विचार करने जैसे कूटनीतिक फैसलों के जरिए पाकिस्तान को अलग थलग करने के बारे में सोचा जा रहा था लेकिन पीएम की पार्टी के साथ साथ विपक्षी नेताओं ने भी ज़ोर दिया कि इस्लामाबाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे यह संदेश पहुंच सके कि भारत मे किसी भी तरह के आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
सेना ने गुरुवार को बताया कि आधी रात को, भारतीय सैनिकों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार सात शिविरों को निशाना बनाया जहां भारत में घुसपैठ करने और कश्मीर सहित देश के अन्य शहरों पर आतंकी हमले करने के इरादे से आतंकवादी जमा हुए थे. सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई से पाकिस्तान भौचक्का रह गया. ऑपरेशन को पूरे प्रभाव से अंजाम देने के दौरान भारत का कोई जवान हताहत नहीं हुआ. बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए हैं. हर उस लांच पैड को निशाना बनाया गया, जहां कम से कम 10 आतंकी और करीब इतनी ही संख्या में गाइड और अन्य सहायक रखे गए थे.
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पढ़ें क्या है सर्जिकल स्ट्राइक
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गुरुवार सुबह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा की समीक्षा बैठक में मौजूद रहे मंत्रियों ने बताया कि इस वर्ष के प्रारंभ में पठानकोट के सैन्य शिविर में आतंकी हमले के बाद सरकार को लोगों की भारी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा था. उन्होंने बताया कि इस नाराजगी को दूर करने के लिए, भारत की ओर से पाकिस्तान को अलग-थलग करने के कदमों के तहत व्यापार में उसका मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म करना और अपने राजनयिकों को वापस बुलाना पर्याप्त नहीं रह गया था. इन मंत्रियों ने बताया कि भारतीय सैनिक लाइन ऑफ कंट्रोल के पार करीब दो किमी. अंदर तक गए. उन्होंने कहा, 'हमारा मकसद काफी गहराई तक जाकर सूर्योदय के पहले वापस लौटने का था.' उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान का इनकार करना अपेक्षित था.
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यह स्ट्राइक जिसमें पैरा कमांडो और हेलिकॉप्टरों को शामिल किया गया था, उसे उरी हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से दिया गया पहला प्रत्यक्ष सैन्य जवाब बताया जा रहा है. गौरतलब है कि 18 सितंबर को पाकिस्तान से आए चार आतंकवादियों ने एक 47 और ग्रेनेड के साथ उरी स्थित सेना के कैंप पर हमला किया था.
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सेना का खुलासा
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इस कदम को समझाते हुए सूत्रों ने बताया कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दो साल से शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत थे (लेकिन) नवाज़ शरीफ ने अपनी सेना के हिसाब से चलने का फैसला किया.' उधर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र की महासभा में सोमवार को कहा कि 'पीएम मोदी ने कई बार शरीफ की तरफ हाथ बढ़ाया, फिर वह उनके प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में न्यौता देना हो या फिर पाकिस्तान प्रमुख के जन्मदिन पर उन्हें बधाई देने के लिए पीएम का अचानक पहुंचना, लेकिन इसका जवाब आतंकी हमलों से दिया गया.'
इससे पहले पीएम ने चेतावनी दी थी कि उरी हमले का सही वक्त पर सेना द्वारा जवाब दिया जाएगा. हाल ही के दिनों में मोदी सरकार द्वारा सिंधु संधि और अन्य व्यापारिक समझौते पर पुनर्विचार करने जैसे कूटनीतिक फैसलों के जरिए पाकिस्तान को अलग थलग करने के बारे में सोचा जा रहा था लेकिन पीएम की पार्टी के साथ साथ विपक्षी नेताओं ने भी ज़ोर दिया कि इस्लामाबाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे यह संदेश पहुंच सके कि भारत मे किसी भी तरह के आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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