विज्ञापन
This Article is From Apr 25, 2018

अमेरिकी प्रशासन के समक्ष वीजा मुद्दे को उठाएंगे: प्रभु

प्रभु ने कहा कि इस बात के साक्ष्य हैं कि भारतीयों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में वृद्धि में उल्लेखनीय योगदान दिया.

अमेरिकी प्रशासन के समक्ष वीजा मुद्दे को उठाएंगे: प्रभु
सुरेश प्रभु की फाइल फोटो
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने एच -1 बी वीजा नियमों को कड़ा करने के अमेरिकी सरकार के प्रस्ताव पर निराशा जताई. उन्होंने कहा कि वह इस मामले को ट्रम्प प्रशासन के समक्ष उठाएंगे. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री प्रभु ने कहा कि हम अमेरिकी प्रशासन के कुछ कदम से बहुत निराश हैं. एच -1 बी वीजा गैर - आव्रजक वीजा है. इसमें अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को वैसे क्षेत्र में नियुक्त करने की अनुमति होती है जहां सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञों की जरूरत है. प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मचारियों की नियुक्ति पर निर्भर हैं.

यह भी पढ़ें: सरकार ने ई-वाणिज्य पर राष्ट्रीय नीति बनाने का काम शुरू किया

प्रभु ने कहा कि इस बात के साक्ष्य हैं कि भारतीयों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में वृद्धि में उल्लेखनीय योगदान दिया. इसके अलावा भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में निवेश किए जिससे नए रोजगार सृजित हुए. अगर भारतीय आईटी पेशेवरों के पति या पत्नी योग्य हैं , वे अर्थव्यवस्था में योगदान ही करेंगे न कि स्थानीय लोगों के रोजगार छीनेंगे. ट्रम्प प्रशासन एच -1 बी वीजाधारकों के पति या पत्नियों के कामकाजी वीजा समाप्त करने की योजना बना रहा है. इससे हजारों भारतीयों पर प्रभाव पड़ेगा. (इनपुट भाषा से) 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com