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This Article is From Sep 03, 2016

रेलवे का सपना, ट्रेन से भारत में कहीं भी जाने में 12 घंटे से ज्‍यादा वक्‍त ना लगे

रेलवे का सपना, ट्रेन से भारत में कहीं भी जाने में 12 घंटे से ज्‍यादा वक्‍त ना लगे
रेल मंत्री सुरेश प्रभु (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारतीय रेलवे देश के लोगों के हित में अल्ट्रा हाई स्पीड प्रौद्योगिकी विकसित करने में जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि यह रेलवे का सपना है कि भारत के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक की यात्रा में 12 घंटे से ज्यादा समय न लगे, जिसके लिए सभी रेलगाड़ियों की औसत गति को बढ़ाने का इरादा है, ताकि सभी लोग इससे लाभान्वित हो सकें.

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को 'अल्ट्रा हाई स्पीड रोलिंग स्टॉक के लिए प्रौद्योगिकी' पर अंतररर्ष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर कहा कि भारतीय रेलवे अल्ट्रा हाई स्पीड प्रौद्योगिकी विकसित एवं क्रियान्वित करना चाहती है, ताकि इसका इस्तेमाल स्वदेश में हो सके और इसके साथ ही रेलवे इसका निर्यात करने में भी समर्थ हो सके. अल्ट्रा हाई स्पीड रोलिंग स्टॉक का केन्द्र बिन्दु यात्रियों को बेहतर अनुभव एवं सुरक्षा प्रदान करना, तीव्र गति सुनिश्चित करना और क्षमता बढ़ाना है.

उन्होंने यह भी कहा कि 'मेक इन इंडिया' अभियान पर फोकस करते हुए रेलवे एक ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करना चाहती है, जिससे आगे चलकर रेलवे को काफी मदद मिलेगी. प्रति घंटे 500 किलोमीटर एवं उससे ज्यादा की अधिकतम गति पर परिचालन के लिए अल्ट्रा हाई स्पीड रोलिंग स्टॉक हेतु प्रौद्योगिकी पर पहली बार एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भारत में आयोजित किया जा रहा है.

इंस्टीट्यूट ऑफ रोलिंग स्टॉक इंजीनियर्स (आईआरएसई) और इंडियन रेलवेज सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स एसोसिएशन (आईआरएसएमईए) के तत्वावधान में और भारतीय रेलवे एवं रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसयू) राइट्स तथा कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड के सहयोग से यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है.

इस सम्मेलन के आयोजन से अत्यंत तेज गति (अल्ट्रा हाई स्पीड) के क्षेत्र में सभी प्रमुख कंपनियां रुचि दिखा रही हैं. अनेक अग्रणी कंपनियां जैसे कि अमेरिका की हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी, अमेरिका की क्वाडरालेव, स्पेन की टैल्गो, जापान की आरटीआरआई, जर्मनी की सीमेन्स, जर्मनी की नॉर ब्रेम्जे और स्विट्जरलैंड की प्रोज इसमें हिस्सा ले रही हैं.

रेलवे, भारतीय उद्योग जगत, राजनयिक समुदाय, अंतरराष्ट्रीय उद्योग जगत, रेलवे की यूनियनों के महासंघ इत्यादि के लगभग 500 प्रतिनिधि इसमें शिरकत कर रहे हैं. भारत में पीपीपी आधार पर एक अल्ट्रा हाई स्पीड रेल प्रणाली के विकास, निर्माण एवं परिचालन के लिए अभिरुचि संबंधी निविदा खोले जाने से ठीक पहले यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है.

यह उम्मीद की जा रही है कि अभिरुचि की इस अभिव्यक्ति से रेल प्रौद्योगिकी के इस क्षेत्र में उपलब्ध उभरती तकनीकी की पूरी तस्वीर उभर कर सामने आएगी और इससे भारतीय रेलवे किसी परियोजना को मंजूरी देने की तरफ अगला कदम बढ़ाने में समर्थ होगी.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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