सुप्रीम कोर्ट ने दाइची सैंक्यो (Daiichi Sankyo) को चार हजार करोड़ रुपये का भुगतान करने के संबंध में ठोस योजना पेश करने के अपने आदेश पर रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों मालविंदर सिंह और शिविंदर सिंह के जवाब पर शुक्रवार को निराशा जाहिर की. सिंगापुर के एक न्यायाधिकरण ने सिंह बंधुओं को दाइची सैंक्यो (Daiichi Sankyo) को चार हजार करोड़ रुपये का भुगतान करने का फैसला सुनाया था. इस संबंध में उच्चतम न्यायालय ने 14 मार्च को दोनों से कहा था कि वे भुगतान के संबंध में ठोस योजना पेश करें. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि अब दाइची सैंक्यो (Daiichi Sankyo) को भुगतान करने को लेकर सिंह बंधुओं के खिलाफ अवमानना की सुनवाई की जाएगी. पीठ ने कहा कि यदि किसी आदेश की अवहेलना पाई गई तो दोनों को जेल भेज दिया जाएगा.
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इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल रहे. पीठ ने अवमानना मामले की सुनवाई के लिये 11 अप्रैल की तारीख तय की है. पीठ ने कहा, ‘‘हो सकता है कि आप आधी दुनिया के मालिक हों पर आपके पास इस बारे में कोई ठोस योजना नहीं है कि आप पंचाट के फैसले की राशि कहां से जुटाएंगे. आपने कहा कि किसी के पास आपके छह हजार करोड़ रुपये बकाया हैं. लेकिन यह राशि न यहां है न वहां है.''
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दाइची सैंक्यो (Daiichi Sankyo) ने 2008 में रैनबैक्सी को खरीदा था. बाद में दाइची सैंक्यो (Daiichi Sankyo) ने सिंगापुर पंचाट में शिकायत की थी कि सिंह बंधुओं ने रैनबैक्सी के खिलाफ अमेरिका के खाद्य एवं औषधि विभाग की चल रही जांच की बात छुपाई थी.
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