लालू के वकील राम जेठमलानी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले में से कुछ धाराएं हटाने की मांग की है
नई दिल्ली:
करीब 950 करोड़ के चारा घोटाले में आरोपी लालू प्रसाद यादव को कुछ और राहत मिल सकती है. लालू प्रसाद यादव की ओर से मामले की कुछ धाराएं हटाए जाने की मांग पर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 28 फरवरी को सुनवाई करेगा. लालू प्रसाद यादव की तरफ वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने कहा कि सभी मामलों में आरोप एक जैसे हैं इसलिए मामले को लेकर दर्ज किए गए अलग-अलग केसों को सुनने की जरूरत नहीं. सभी की सुनवाई एकसाथ की जा सकती है.
वहीं, सीबीआई की तरफ से रंजीत कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद के खिलाफ 6 अलग-अलग मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक मामले में वे दोषी करार दिए गए है और मामला हाईकोर्ट में लंबित है. सीबीआई की तरफ से रंजीत कुमार ने यह भी कहा कि सभी मामलों में समय, रिश्वत की रकम और लेन-देन अलग-अलग हैं. इसलिए सभी मामलों को एक जैसा नहीं देखा जा सकता.
चारा घोटाला मामले में आरजेडी प्रमुख लालू यादव और अन्य पर से कुछ धाराएं हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.
दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट ने नवंबर, 2014 में लालू को राहत देते हुए उन पर लगे घोटाले की साजिश रचने के आरोप हटा दिए थे. हाईकोर्ट ने फैसले में कहा था कि एक ही अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दो बार सजा नहीं दी जा सकती.
हालांकि हाईकोर्ट ने फैसले में यह भी कहा कि लालू यादव के खिलाफ आईपीसी की दो अन्य धाराओं के तहत मुकदमा जारी रहेगा. इस फैसले के आठ महीने बाद सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ जुलाई में सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी.
करीब 950 करोड़ के चारा घोटाले के आरसी/20ए/96 केस में लालू प्रसाद यादव के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा समेत 45 आरोपी हैं. इन सभी पर चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप हैं.
वहीं, सीबीआई की तरफ से रंजीत कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद के खिलाफ 6 अलग-अलग मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक मामले में वे दोषी करार दिए गए है और मामला हाईकोर्ट में लंबित है. सीबीआई की तरफ से रंजीत कुमार ने यह भी कहा कि सभी मामलों में समय, रिश्वत की रकम और लेन-देन अलग-अलग हैं. इसलिए सभी मामलों को एक जैसा नहीं देखा जा सकता.
चारा घोटाला मामले में आरजेडी प्रमुख लालू यादव और अन्य पर से कुछ धाराएं हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.
दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट ने नवंबर, 2014 में लालू को राहत देते हुए उन पर लगे घोटाले की साजिश रचने के आरोप हटा दिए थे. हाईकोर्ट ने फैसले में कहा था कि एक ही अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दो बार सजा नहीं दी जा सकती.
हालांकि हाईकोर्ट ने फैसले में यह भी कहा कि लालू यादव के खिलाफ आईपीसी की दो अन्य धाराओं के तहत मुकदमा जारी रहेगा. इस फैसले के आठ महीने बाद सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ जुलाई में सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी.
करीब 950 करोड़ के चारा घोटाले के आरसी/20ए/96 केस में लालू प्रसाद यादव के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा समेत 45 आरोपी हैं. इन सभी पर चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप हैं.
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