सुप्रीम कोर्ट तलाक का एक मामला दिलचस्प मामला पहुंचा है, जहां पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ अपील दायर की गई है. इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ऐसे मामले में पति-पत्नि के बीच निजता के अधिकार की सीमाओं की व्याख्या कर सकता है. उच्चतम न्यायालय ने इस सवाल पर विचार करने पर सहमति जताई है कि क्या पत्नी की जानकारी के बिना उसकी टेलीफोन बातचीत की रिकॉर्डिंग उसकी निजता का उल्लंघन है. यह मामला अदालती सुर्खियों में बना हुआ है.
न्यायमूर्ति विनीत सरण और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के 12 दिसंबर, 2021 के एक आदेश के खिलाफ दायर अपील पर नोटिस जारी किया. पीठ ने 12 जनवरी को अपने आदेश में कहा था कि नोटिस जारी किया जाए.गौरतलब है कि निजता के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट कई दूरगामी फैसले सुना चुका है.
शीर्ष अदालत एक महिला की याचिका पर उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी जिसने ने कुटुंब अदालत के 2020 के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर आदेश दिया था.
बठिंडा कुटुंब अदालत ने महिला से अलग रहने वाले उसके पति को उसकी और उसकी पत्नी की रिकॉर्डेड बातचीत से संबंधित सीडी को प्रमाणित करने के लिए कहा था.
उच्च न्यायालय ने कहा था पत्नी की जानकारी के बिना उसकी टेलीफोन बातचीत की रिकॉर्डिंग स्पष्ट रूप से उसकी निजता का हनन है.पति ने 2017 में एक याचिका दाखिल कर महिला से तलाक की मांग की थी. उनकी शादी 2009 में हुई थी और उनकी एक बेटी है.
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